Live news of the country and the world 19 November 2025 | Aaj Tak LiveAaj Tak Breaking News 19 November 2025 दिन भर की खबरें 19 नवंबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें। यहां भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, विज्ञान-तकनीक, मौसम अपडेट और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी हर ताज़ा व बड़ी खबर तुरंत पाएँ। इस पेज पर दिन भर की खबरें अपडेट होंगीं... 18 नवंबर की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें🔴LIVE: आज की ताज़ा ख़बर लाइव: 19 नवंबर 2025 | अब तक की बड़ी ख़बरें | टॉप 10 समाचार| ब्रेकिंग न्यूज़ चुनाव आयोग का दावा- दूसरे चरण में लगभग 99% मतदाताओं को एसआईआर फॉर्म प्राप्त हो गए नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण के शुरू होने के दो सप्ताह बाद, भारत के चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि लगभग 51 करोड़ मतदाताओं में से 50.25 करोड़ से अधिक मतदाताओं को गणना फॉर्म प्राप्त हो गए हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि गणना चरण 4 नवंबर से शुरू हुआ और 4 दिसंबर तक चलेगा। मसौदा सूची 7 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी, जिसके बाद दावे और आपत्तियों का दौर चलेगा और अंतिम सूची 9 फरवरी को जारी की जाएगी। आयोग ने एक बयान में कहा कि इन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 50.97 करोड़ मतदाताओं में से 98.54% को आंशिक रूप से भरे हुए फॉर्म प्राप्त हो गए हैं। चुनाव आयोग पर कांग्रेस के गंभीर आरोप: एसआईआर प्रक्रिया को लोकतंत्र पर बताया हमला, दिसंबर में दिल्ली में होगी विशाल रैली नई दिल्ली में सियासी हलचल बढ़ाती हुई एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस महासचिव (संगठन) के. सी. वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग की हालिया गतिविधियों को लेकर गंभीर सवाल उठाए। मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने बताया कि पार्टी ने 12 राज्यों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं, महासचिवों और वरिष्ठ नेताओं के साथ एसआईआर प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा की है — और इस चर्चा का सार साफ-साफ चिंता में डूबा हुआ दिखा। वेणुगोपाल के अनुसार, कांग्रेस की प्रदेश इकाइयों में आम राय यही बन रही है कि चुनाव आयोग कुछ खास वर्गों के मतदाताओं को सूची से हटाने की एक सोची-समझी कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में इस तरह के मामले पहले भी देखने को मिले थे और अब वही प्रक्रिया 12 राज्यों में लागू करने की तैयारी है। असम के लिए चुनाव आयोग द्वारा घोषित किए गए विशेष संशोधन (एसआर) का जिक्र करते हुए उन्होंने इसे “लोकतंत्र को कमजोर करने का कुटिल प्रयास” बताया। वेणुगोपाल का आरोप था कि आयोग की नीतियाँ न केवल पक्षपातपूर्ण दिखाई दे रही हैं, बल्कि पूरी प्रक्रिया को नैतिकता और लोकतांत्रिक सिद्धांतों से दूर ले जा रही हैं। वेणुगोपाल ने केरल की स्थिति पर बोलते हुए कहा कि वहाँ स्थानीय निकाय चुनावों का दौर चल रहा है—पहला चरण 9 दिसंबर को होना है—और उसी दिन बीएलओ को अंतिम मतदाता सूची सौंपने का आदेश दे दिया गया है। केरल विधानसभा पहले ही एसआईआर प्रक्रिया को स्थगित करने का प्रस्ताव पारित कर चुकी है, लेकिन चुनाव आयोग उसे अनसुना कर रहा है। काम के भारी दबाव से कई बीएलओ मानसिक तनाव में हैं और आत्महत्या की घटनाएँ भी सामने आ चुकी हैं। उन्होंने सवाल दागा “आख़िर यह जल्दबाज़ी क्यों?” वेणुगोपाल ने स्पष्ट आरोप लगाया कि चुनाव आयोग “भाजपा और नरेंद्र मोदी के पक्ष में काम कर रहा है” और कांग्रेस इन नीतियों का मुखर विरोध करेगी। कांग्रेस ने घोषणा की है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी, जहाँ चुनाव आयोग की कथित अनियमितताओं और पक्षपात पर “बड़ा खुलासा” किया जाएगा। यह राजनीतिक संग्राम अब और तेज़ होने के संकेत दे रहा है, और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सर्दी के मौसम में देश की राजनीति का मिज़ाज गर्म रहने वाला है। सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, दिल्ली दंगा स्वतःस्फूर्त नहीं बल्कि पूर्व नियोजित था सुप्रीम कोर्ट की शांत और गंभीर वातावरण वाली एक सुनवाई में एक बार फिर 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की गूँज सुनाई दी। देश की राजनीति से लेकर कानून के गलियारों तक हिलाकर रख देने वाले इस बड़े केस में उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, शादाब अहमद और मोहम्मद सलीम खान की ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई जारी है। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ के सामने दिल्ली पुलिस और अभियुक्तों के वकीलों की दलीलें एक-एक कर रखी गईं—कहीं साजिश का दावा, कहीं लगातार स्थगन का आरोप और कहीं कानून की धाराओं की पेचीदगियाँ। जैसा कि आप जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े एक बड़े षड्यंत्र मामले में उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, शादाब अहमद और मोहम्मद सलीम खान की ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। खालिद और अन्य ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 2 सितंबर को उन्हें ज़मानत देने से इनकार करने के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था। सर्वोच्च न्यायालय ने बीती 22 सितंबर को पुलिस को नोटिस जारी किया था। फरवरी 2020 में तत्कालीन प्रस्तावित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर हुई झड़पों के बाद दंगे हुए थे। दिल्ली पुलिस के अनुसार, दंगों में 53 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हुए। वर्तमान मामला उन आरोपों से संबंधित है कि आरोपियों ने कई दंगे कराने के लिए एक बड़ी साजिश रची थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस के एक विशेष प्रकोष्ठ ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। ज़्यादातर आरोपी 2020 से हिरासत में हैं। मंगलवार को दिल्ली पुलिस की तरफ से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता और एडीशशनल सॉलीसीटर जनरल एसवी राजू ने...
Live news of the country and the world 19 November 2025 | Aaj Tak LiveAaj Tak Breaking News 19 November 2025 दिन भर की खबरें 19 नवंबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें। यहां भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, विज्ञान-तकनीक, मौसम अपडेट और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी हर ताज़ा व बड़ी खबर तुरंत पाएँ। इस पेज पर दिन भर की खबरें अपडेट होंगीं... 18 नवंबर की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें🔴LIVE: आज की ताज़ा ख़बर लाइव: 19 नवंबर 2025 | अब तक की बड़ी ख़बरें | टॉप 10 समाचार| ब्रेकिंग न्यूज़ चुनाव आयोग का दावा- दूसरे चरण में लगभग 99% मतदाताओं को एसआईआर फॉर्म प्राप्त हो गए नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण के शुरू होने के दो सप्ताह बाद, भारत के चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि लगभग 51 करोड़ मतदाताओं में से 50.25 करोड़ से अधिक मतदाताओं को गणना फॉर्म प्राप्त हो गए हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि गणना चरण 4 नवंबर से शुरू हुआ और 4 दिसंबर तक चलेगा। मसौदा सूची 7 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी, जिसके बाद दावे और आपत्तियों का दौर चलेगा और अंतिम सूची 9 फरवरी को जारी की जाएगी। आयोग ने एक बयान में कहा कि इन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 50.97 करोड़ मतदाताओं में से 98.54% को आंशिक रूप से भरे हुए फॉर्म प्राप्त हो गए हैं। चुनाव आयोग पर कांग्रेस के गंभीर आरोप: एसआईआर प्रक्रिया को लोकतंत्र पर बताया हमला, दिसंबर में दिल्ली में होगी विशाल रैली नई दिल्ली में सियासी हलचल बढ़ाती हुई एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस महासचिव (संगठन) के. सी. वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग की हालिया गतिविधियों को लेकर गंभीर सवाल उठाए। मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने बताया कि पार्टी ने 12 राज्यों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं, महासचिवों और वरिष्ठ नेताओं के साथ एसआईआर प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा की है — और इस चर्चा का सार साफ-साफ चिंता में डूबा हुआ दिखा। वेणुगोपाल के अनुसार, कांग्रेस की प्रदेश इकाइयों में आम राय यही बन रही है कि चुनाव आयोग कुछ खास वर्गों के मतदाताओं को सूची से हटाने की एक सोची-समझी कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में इस तरह के मामले पहले भी देखने को मिले थे और अब वही प्रक्रिया 12 राज्यों में लागू करने की तैयारी है। असम के लिए चुनाव आयोग द्वारा घोषित किए गए विशेष संशोधन (एसआर) का जिक्र करते हुए उन्होंने इसे “लोकतंत्र को कमजोर करने का कुटिल प्रयास” बताया। वेणुगोपाल का आरोप था कि आयोग की नीतियाँ न केवल पक्षपातपूर्ण दिखाई दे रही हैं, बल्कि पूरी प्रक्रिया को नैतिकता और लोकतांत्रिक सिद्धांतों से दूर ले जा रही हैं। वेणुगोपाल ने केरल की स्थिति पर बोलते हुए कहा कि वहाँ स्थानीय निकाय चुनावों का दौर चल रहा है—पहला चरण 9 दिसंबर को होना है—और उसी दिन बीएलओ को अंतिम मतदाता सूची सौंपने का आदेश दे दिया गया है। केरल विधानसभा पहले ही एसआईआर प्रक्रिया को स्थगित करने का प्रस्ताव पारित कर चुकी है, लेकिन चुनाव आयोग उसे अनसुना कर रहा है। काम के भारी दबाव से कई बीएलओ मानसिक तनाव में हैं और आत्महत्या की घटनाएँ भी सामने आ चुकी हैं। उन्होंने सवाल दागा “आख़िर यह जल्दबाज़ी क्यों?” वेणुगोपाल ने स्पष्ट आरोप लगाया कि चुनाव आयोग “भाजपा और नरेंद्र मोदी के पक्ष में काम कर रहा है” और कांग्रेस इन नीतियों का मुखर विरोध करेगी। कांग्रेस ने घोषणा की है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी, जहाँ चुनाव आयोग की कथित अनियमितताओं और पक्षपात पर “बड़ा खुलासा” किया जाएगा। यह राजनीतिक संग्राम अब और तेज़ होने के संकेत दे रहा है, और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सर्दी के मौसम में देश की राजनीति का मिज़ाज गर्म रहने वाला है। सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, दिल्ली दंगा स्वतःस्फूर्त नहीं बल्कि पूर्व नियोजित था सुप्रीम कोर्ट की शांत और गंभीर वातावरण वाली एक सुनवाई में एक बार फिर 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की गूँज सुनाई दी। देश की राजनीति से लेकर कानून के गलियारों तक हिलाकर रख देने वाले इस बड़े केस में उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, शादाब अहमद और मोहम्मद सलीम खान की ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई जारी है। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ के सामने दिल्ली पुलिस और अभियुक्तों के वकीलों की दलीलें एक-एक कर रखी गईं—कहीं साजिश का दावा, कहीं लगातार स्थगन का आरोप और कहीं कानून की धाराओं की पेचीदगियाँ। जैसा कि आप जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े एक बड़े षड्यंत्र मामले में उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, शादाब अहमद और मोहम्मद सलीम खान की ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। खालिद और अन्य ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 2 सितंबर को उन्हें ज़मानत देने से इनकार करने के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था। सर्वोच्च न्यायालय ने बीती 22 सितंबर को पुलिस को नोटिस जारी किया था। फरवरी 2020 में तत्कालीन प्रस्तावित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर हुई झड़पों के बाद दंगे हुए थे। दिल्ली पुलिस के अनुसार, दंगों में 53 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हुए। वर्तमान मामला उन आरोपों से संबंधित है कि आरोपियों ने कई दंगे कराने के लिए एक बड़ी साजिश रची थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस के एक विशेष प्रकोष्ठ ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। ज़्यादातर आरोपी 2020 से हिरासत में हैं। मंगलवार को दिल्ली पुलिस की तरफ से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता और एडीशशनल सॉलीसीटर जनरल एसवी राजू ने...