देश दुनिया की लाइव खबरें 22 दिसंबर 2025 | Aaj Tak Live
दिन भर की खबरें 22 दिसंबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें। यहां भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, विज्ञान-तकनीक, मौसम अपडेट और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी हर ताज़ा व बड़ी खबर तुरंत पाएँ। इस पेज पर दिन भर की खबरें अपडेट होंगीं...;
Live news of the country and the world 22 December 2025 | Aaj Tak Live
Aaj Tak Breaking News 22 December 2025
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VB-G RAM G बिल को मिली राष्ट्रपति की मंज़ूरी
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बताया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार (21 दिसंबर, 2025) को रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) के लिए विकसित भारत गारंटी बिल को अपनी मंज़ूरी दे दी है।
जैसा कि आप जानतेहैं कि विपक्ष के तगड़े विरोध के बीच, संसद ने VB-G RAM G बिल, 2025 पास कर दिया था। यह मौजूदा ग्रामीण रोज़गार कानून, MGNREGA को बदलता है, और हर वित्तीय वर्ष में हर ग्रामीण परिवार को 125 दिनों के मज़दूरी वाले रोज़गार की कथित गारंटी देता है।
सरकार के अनुसार, इस नई योजना का उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के नेशनल विज़न के साथ एक ग्रामीण विकास फ्रेमवर्क बनाना है।
मनरेगा गरीबों की लाइफलाइन है, सरकार गरीब ग्रामीणों और खेत मजदूरों को अमीरों का गुलाम बनाना चाहती है- खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खऱगे ने कहा है कि MGNREGA गरीबों के लिए लाइफलाइन है। मोदी सरकार जानबूझकर उस एक्ट को खत्म कर रही है और गरीब गांव वालों और खेत मजदूरों को अमीरों का गुलाम बनाना चाहती है।
खरगे ने कहा-
"इसलिए हमने MGNREGA कानून को बनाए रखने के लिए लड़ाई लड़ी, और इसके सभी प्रोविजन वैसे ही रहने चाहिए जैसे वे हैं। मैं नए कानून की बुराई करता हूं, जो सिर्फ सरकार की मदद कर रहा है।
पहले, फंडिंग का हिस्सा केंद्र सरकार से 90 परसेंट और राज्य सरकार से 10 परसेंट था, लेकिन अब उन्होंने इसे बदलकर 60-40 कर दिया है।
इसका मतलब है कि वे राज्यों की मदद नहीं करना चाहते। वे राज्य सरकारों से पैसा चाहते हैं, और वे अपना कंट्रीब्यूशन कम करना चाहते हैं। इससे साफ पता चलता है कि उन्हें गरीबों के विकास में कोई दिलचस्पी नहीं है।
MGNREGA ने COVID महामारी और गरीबी हटाने में मदद की और सड़कों, टैंकों, स्कूल बिल्डिंग, आंगनवाड़ी बिल्डिंग वगैरह के डेवलपमेंट में मदद की। लेकिन मोदी सरकार को यह पसंद नहीं आ रहा है। वे गरीब लोगों को और भी गरीब बनाना चाहते हैं और उन पर ज़ुल्म करना चाहते हैं।
हम हर राज्य में आंदोलन करने जा रहे हैं, और इसे जारी रखना चाहिए। दूसरी विपक्षी पार्टियां भी हमारा साथ दे रही हैं।"
RSS के कब्ज़े का आरोप, ISI की स्वायत्तता पर संकट: राहुल गांधी से मिले इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट के छात्र
इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट (ISI) की स्वायत्तता को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच संस्थान के छात्रों ने नेता विपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और मोदी सरकार द्वारा लाए जाने वाले प्रस्तावित बिल का विरोध करने का आग्रह किया। छात्रों का कहना है कि यह बिल संस्थान की स्वायत्तता को खत्म करने की दिशा में एक गंभीर कदम है।
नेता विपक्ष राहुल गांधी ने ‘जनसंसद’ में ISI के छात्रों से मुलाकात कर उनके मुद्दों को सुना और विस्तार से चर्चा की। इस संबंध में कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच एक्स (X) पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट कोई सामान्य शैक्षणिक संस्थान नहीं है, बल्कि यह देश की बौद्धिक और वैज्ञानिक विरासत का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है।
कांग्रेस के अनुसार, छात्रों ने आरोप लगाया कि संस्थान में धीरे-धीरे RSS का संस्थागत कब्ज़ा किया जा रहा है। वहां ब्यूरोक्रेटिक और वैचारिक हस्तक्षेप थोपा जा रहा है, और स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि पाठ्यक्रम (सिलेबस) और शोध कार्य भी RSS की विचारधारा के अनुरूप नियंत्रित किए जा रहे हैं।
छात्रों की बात सुनने के बाद राहुल गांधी ने उन्हें आश्वस्त किया कि कांग्रेस ऐसा होने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि देश के शिक्षण संस्थान किसी एक विचारधारा से नहीं, बल्कि ज्ञान, तर्क और विज्ञान से चलने चाहिए।
ISI की स्वायत्तता को लेकर उठे इन सवालों ने एक बार फिर देश में उच्च शिक्षा संस्थानों की स्वतंत्रता और सरकार की भूमिका पर बहस तेज़ कर दी है।
तृणमूल का मोदी सरकार पर तीखा हमला
तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो जारी कर ते हुए लिखा-
"केंद्र में जो सरकार है, वह गेम-चेंजिंग नहीं है; यह नाम बदलने वाली सरकार है। एक ऐसी सरकार जो असली गवर्नेंस के बजाय दिखावटी रीब्रांडिंग में लगी हुई है। एक ऐसी सरकार जो सोचती है कि मनरेगा का नाम बदलने से नौकरियां पैदा करने, सैलरी देने या गांव के गरीबों की रक्षा करने में अपनी नाकामी छिपाई जा सकती है।
और अगर ऐसी सोच कभी घर कर गई, तो आप एक ऐसे शहर में जागेंगे जो देखने में जाना-पहचाना लगता है लेकिन अजनबी लगता है। जिन गलियों में आप पले-बढ़े हैं, उनके नाम अनजान होंगे। आपसे पहले की पीढ़ियों द्वारा बनाए गए इंस्टीट्यूशन अपनी पहचान खो देंगे। इतिहास को एडिट किया जाएगा, कल्चर को खत्म कर दिया जाएगा, और हर वह चीज़ जिसने कभी किसी जगह को उसकी आत्मा दी थी, उसे एक पॉलिटिकल नारे में बदल दिया जाएगा।
बंगाल इस खतरे को अपने आप समझता है। क्योंकि हम जानते हैं कि जब कोई सरकार ज़िंदगी बदलने के बजाय नाम बदलने लगती है, तो उसके पास जवाब खत्म हो चुके होते हैं।"
स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों पर संजय राउत का तीखा हमला
स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अब चुनाव, चुनाव नहीं रह गए हैं बल्कि उनकी नीलामी हो रही है। ऐसे हालात में चुनाव कराए ही नहीं जाने चाहिए।
संजय राउत ने आरोप लगाया कि चुनावों में खुलेआम पैसा बहाया जा रहा है, वोट खरीदे जा रहे हैं और सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “यह पहली बार मैंने देखा है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री स्थानीय निकाय चुनावों के लिए खुद प्रचार कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि जिस नगरपालिका का बजट करीब 30 करोड़ रुपये है, वहां प्रचार पर लगभग 150 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए। राउत ने इसे लोकतंत्र का मजाक बताते हुए कहा कि इस तरह के चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकते।
महाराष्ट्र को लेकर भावनात्मक टिप्पणी करते हुए संजय राउत ने कहा, “औरंगजेब का जन्म अहमदाबाद में हुआ था और छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म महाराष्ट्र में हुआ। इसी वजह से महाराष्ट्र को दबाया जा रहा है।”
स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर संजय राउत के इन बयानों से राज्य की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है।
जैसा कि आप जानते हैं कि महाराष्ट्र निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन (NDA) को बंपर जीत मिली है। रविवार को जारी हुए 288 सीटों (246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों) के रिजल्ट में महायुति को 214 सीटों पर जीत मिली। हालांकि अभी भी मतगणना जारी है। अंतिम परिणाम कुछ देर में सामने आएगा।
गठबंधन में भाजपा 120 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 57 सीटें, NCP अजित को 37 सीटें मिलीं। वहीं, विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी के हिस्से केवल 51 सीटें ही आईं।
इसमें कांग्रेस 31, शिवसेना उद्धव को 10, शरद पवार की NCP को केवल 10 सीटें ही मिलीं। 22 सीटें अन्य को मिली हैं, जिन्होंने स्थानिक अघाड़ी (लोकल अलायंस) बनाया था।
असम में 10,601 करोड़ की यूरिया परियोजना की नींव, पीएम मोदी बोले—पूर्वोत्तर के औद्योगिक विकास का नया अध्याय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के डिब्रूगढ़ जिले में 10,601 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया संयंत्र की आधारशिला रखी। इस मौके पर रविवार को उन्होंने कहा कि यह परियोजना क्षेत्र में औद्योगिक प्रगति के एक नए अध्याय की शुरुआत करेगी।
यह संयंत्र असम वैली फर्टिलाइज़र एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड (AVFCCL) के तहत स्थापित किया जाएगा। परियोजना के पूरा होने के बाद इसकी वार्षिक यूरिया उत्पादन क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन होगी। इस परियोजना को वर्ष 2030 तक चालू किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संयंत्र न केवल असम बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत के लिए आर्थिक गतिविधियों, रोजगार के अवसरों और कृषि क्षेत्र को मजबूती देने वाला साबित होगा। उन्होंने इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
सरकार का मानना है कि इस परियोजना से उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और किसानों को समय पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, साथ ही पूर्वोत्तर क्षेत्र में औद्योगिक निवेश को भी गति मिलेगी।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर बढ़ते हिंसक हमले, दीपु चंद्र दास की हत्या पर भारत की सख्त प्रतिक्रिया
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसक हमलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। ताजा मामला दीपु चंद्र दास की हत्या का है, जिन्हें कथित तौर पर झूठे आरोपों में निशाना बनाया गया। इस घटना के बाद बांग्लादेश शासन की कथित उदासीनता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
दीपु चंद्र दास की हत्या को लेकर मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक समूहों में गहरी चिंता है। आरोप है कि न केवल झूठे मामलों के जरिए उन्हें फंसाया गया, बल्कि बाद में हुई हिंसा पर प्रशासन ने समय रहते प्रभावी कार्रवाई नहीं की।
इस मामले पर भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए चटगांव (चट्टोग्राम) स्थित वीज़ा केंद्र को बंद कर दिया है। इसके साथ ही भारत सरकार ने बांग्लादेश से इस जघन्य अपराध के दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करने की मांग की है।
भारत ने साफ किया है कि पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा से जुड़ा यह मुद्दा बेहद गंभीर है और इस पर किसी भी तरह की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों ने एक बार फिर क्षेत्रीय स्थिरता और मानवाधिकारों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है।
अरावली पर झूठ फैलाना बंद करे BJP: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अशोक गहलोत की तीखी प्रतिक्रिया
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने अरावली पर्वतमाला को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गहरी चिंता जताते हुए इसे “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए कहा कि आज अरावली को लेकर हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है।
अशोक गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “BJP अरावली को लेकर झूठ फैलाना बंद करे। अगर अरावली नहीं बचेगी तो हम कल्पना कर सकते हैं कि इसके परिणाम कितने भयावह होंगे।” उन्होंने कहा कि अरावली केवल पहाड़ों की श्रृंखला नहीं है, बल्कि यह राजस्थान समेत कई राज्यों की जीवन रेखा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि अरावली का विनाश पर्यावरण, जलस्तर और जलवायु संतुलन पर गंभीर असर डालेगा। इससे राजस्थान ही नहीं, बल्कि आसपास के राज्यों में भी सूखा, जल संकट और मरुस्थलीकरण जैसी समस्याएं और गहराएंगी।
गहलोत ने कहा कि अरावली के संरक्षण का मुद्दा राजनीति से ऊपर है और इस पर भ्रामक प्रचार नहीं, बल्कि गंभीर और ईमानदार प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से अरावली को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
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