देश दुनिया की लाइव खबरें 19 सितंबर 2025 | दिन भर की खबरें

Aaj Tak Live 19 सितंबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें। यहां भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, विज्ञान-तकनीक, मौसम अपडेट और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी हर ताज़ा व बड़ी खबर तुरंत पाएँ। इस पेज पर दिन भर की खबरें अपडेट होंगीं..;

By :  Hastakshep
Update: 2025-09-19 00:20 GMT

Live news of the country and the world 19 September 2025 | Aaj Tak Live

Aaj Tak Breaking News 19 September 2025

Aaj Tak Live 19 सितंबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें। यहां भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, विज्ञान-तकनीक, मौसम अपडेट और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी हर ताज़ा व बड़ी खबर तुरंत पाएँ। इस पेज पर दिन भर की खबरें अपडेट होंगीं..

18 सितंबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें

कर्नाटक चुनाव में वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ पर प्रियंका गांधी का सवाल – "जांच रोककर चुनाव आयोग किसे बचा रहा है?"

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कर्नाटक की आलंद विधानसभा में वोटर्स के नाम काटने की साजिश पर चुनाव आयोग से कड़े सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि जब FIR दर्ज हो चुकी है तो CID को जांच के लिए जरूरी डाटा क्यों नहीं दिया जा रहा और जांच को बाधित करके किसे बचाने की कोशिश हो रही है?

प्रियंका गांधी ने पूछा

"कर्नाटक की आलंद विधानसभा में बड़े पैमाने पर वोटर्स का नाम काटने की कोशिश की गई। हमारे प्रत्याशी की शिकायत पर चुनाव आयोग के स्थानीय अधिकारी ने FIR दर्ज कराई थी।

जब चुनाव आयोग खुद मान चुका है कि गड़बड़ी हो रही थी, उनके अधिकारी ने ही FIR दर्ज कराई तो जांच क्यों रोकी जा रही है?

कर्नाटक CID ने 18 महीने में 18 पत्र लिखे लेकिन चुनाव आयोग ने कोई सबूत मुहैया क्यों नहीं कराए?

CID को जांच के लिए IP एड्रेस, डिवाइस पोर्ट्स, OTP वगैरह की डिटेल क्यों नहीं दी जा रही है?

चुनाव आयोग जांच को बाधित करके किसे और क्यों बचाना चाहता है?"

ब्रिटेन दौरे पर ट्रंप का बयान – "तेल की गिरती कीमतें पुतिन को यूक्रेन युद्ध से हटने पर मजबूर करेंगी"

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन यात्रा के दौरान कहा कि रूस की तेल पर निर्भरता पुतिन को यूक्रेन संघर्ष से पीछे हटने पर मजबूर कर सकती है। ट्रंप ने यूरोप की रूसी ऊर्जा पर निर्भरता पर निराशा जताई और संकेत दिया कि अगर तेल की कीमतें गिरीं तो पुतिन के पास कोई विकल्प नहीं बचेगा।

ट्रंप ने एक बार फिर ज़ोर देकर कहा कि उन्होंने सात युद्ध "समाधान" कर लिए हैं, लेकिन यह भी स्वीकार किया कि यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें निराश किया है। ट्रंप ने दावा किया कि तेल की गिरती कीमतें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेन संघर्ष से हटने का दबाव डाल सकती हैं, और वह रूस के खिलाफ और भी कुछ करने को तैयार हैं, लेकिन अगर यूरोपीय रूसी तेल खरीदते रहे तो ऐसा नहीं होगा।

ट्रंप ने गुरुवार को ब्रिटेन की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान यूरोप की रूसी ऊर्जा पर निरंतर निर्भरता पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "अगर तेल की कीमतें गिरती हैं, तो पुतिन के पास कोई विकल्प नहीं होगा, वह उस युद्ध से हट जाएँगे।"

दिल्ली अदालत ने अडानी मानहानि केस में पत्रकारों पर लगाया गया ‘गैग ऑर्डर’ किया रद्द

दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने अडानी एंटरप्राइजेज मानहानि मामले में पत्रकारों पर लगाया गया प्रकाशन रोक आदेश रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि 6 सितंबर को दिया गया आदेश अस्थिर था क्योंकि पत्रकारों को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया था।

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार (18 सितंबर, 2025) को उस एकपक्षीय निषेधाज्ञा को रद्द कर दिया, जिसके तहत पत्रकार रवि नायर, अबीर दासगुप्ता, आयुषकांत दास और आयुष जोशी को गौतम अडानी की अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के बारे में कथित रूप से मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने से रोका गया था।

रोहिणी कोर्ट के जिला न्यायाधीश आशीष अग्रवाल ने कहा कि 6 सितंबर का आदेश "अस्थिर" है क्योंकि इसे पत्रकारों को सुनवाई का अवसर दिए बिना पारित किया गया था।

महबूबा मुफ़्ती और सज्जाद लोन का – जम्मू-कश्मीर में नज़रबंद किए जाने का दावा

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस नेता सज्जाद लोन ने दावा किया कि अब्दुल गनी भट को श्रद्धांजलि देने सोपोर जाने से रोकने के लिए उन्हें नज़रबंद किया गया। महबूबा ने कहा, यह कदम जम्मू-कश्मीर की कठोर और अलोकतांत्रिक सच्चाई को उजागर करता है।

महबूबा मुफ़्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "प्रोफेसर अब्दुल गनी भट के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए हमें सोपोर जाने से रोकने के लिए आज राजनीतिक नेतृत्व को नज़रबंद करने का फैसला जम्मू-कश्मीर की कठोर और अलोकतांत्रिक सच्चाई को उजागर करता है।

हज़रतबल दरगाह में जो कुछ हुआ, वह स्वतःस्फूर्त, अपरिपक्व जनाक्रोश का विस्फोट मात्र एक अकेली घटना नहीं थी। यह हाशिये पर धकेले गए लोगों का एक स्पष्ट और स्पष्ट संदेश था। हालाँकि, भाजपा इस सच्चाई से जानबूझकर अनजान बनी हुई है और वर्षों से पनप रही गहरी पीड़ा और दबी हुई भावनाओं से कुछ भी सीखने से इनकार कर रही है।

यह स्पष्ट होता जा रहा है कि भाजपा को कश्मीर में शांति या सुधार में कोई दिलचस्पी नहीं है। इसके बजाय, वे देश के बाकी हिस्सों में राजनीतिक लाभ के लिए दर्द और अशांति को हथियार बनाकर इस क्षेत्र को लगातार अशांति की स्थिति में रखने के लिए दृढ़ हैं। यह सनकी रवैया न केवल गैर-जिम्मेदाराना है; बल्कि खतरनाक और पूरी तरह से निंदनीय भी है।"


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Live Updates
2025-09-19 14:09 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 20 सितंबर को गुजरात का दौरा करेंगे

पीएम मोदी 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम में शामिल होंगे।

पीएम मोदी भावनगर में अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

पीएम मोदी धोलेरा का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और लोथा में नेशनल मैरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स (NHMC) की प्रगति की समीक्षा करेंगे।

2025-09-19 14:04 GMT

पवन खेड़ा का बीजेपी पर हमला, यासिन मलिक से जुड़े सवाल उठाए

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि "वोट चोरी से ध्यान भटकाने का टूलकिट" उजागर हो चुका है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में खेड़ा ने दावा किया कि बीजेपी यासिन मलिक के हलफनामे के चुनिंदा अंश लीक कर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और यूपीए की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने पलटवार करते हुए पूछा कि जब आरएसएस और बीजेपी सत्ता में भी नहीं थे, तब यासिन मलिक से उनकी मुलाकातें और बातचीत क्यों हुईं।

पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया पर लिखा-

"#वोटचोरी से ध्यान भटकाने का टूलकिट उजागर:

सुबह से बीजेपी यासिन मलिक के हलफनामे के कुछ हिस्सों को लीक कर रही है, ताकि डॉ. मनमोहन सिंह और यूपीए की छवि को बदनाम किया जा सके।

किसी प्रधानमंत्री - इस मामले में डॉ. मनमोहन सिंह - द्वारा ऐसे व्यक्ति को शिष्टाचार दिखाना जो शांति की कोशिश करने का दावा करता हो, यह आश्चर्य की बात नहीं है।

सच में चौंकाने वाली बातें यह हैं कि :

1. 2011 में आरएसएस ने यासिन मलिक से क्यों मुलाकात की? उस समय बीजेपी सत्ता में भी नहीं थी।

2. बीजेपी-आरएसएस से जुड़े थिंक-टैंक, विवेकानंद फाउंडेशन के नेतृत्व ने यासिन मलिक से क्यों बातचीत की?

3. क्या यह सच है कि वाजपेयी काल में मलिक को किसी मध्यस्थ के ज़रिए धीरूभाई अंबानी से फोन पर बात करवाई गई थी?

डॉ. सिंह की शिष्टता पर आक्रोश का नाटक करने के बजाय, बीजेपी को इतिहास की समीक्षा करनी चाहिए।

▪️ मई 2007 में, यासिन मलिक अपनी “सफ़र-ए-आज़ादी” (आजादी मार्च) शुरू करने की तैयारी कर रहे थे। 4 मई को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उन्होंने मार्च करने देने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। तब अटल बिहारी वाजपेयी ने यूपीए सरकार के साथ हस्तक्षेप किया और सुनिश्चित किया कि मार्च की अनुमति दी जाए।

▪️ वाजपेयी जी से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह जी तक, जब राज्य की नीति संवाद और सुलह की थी, दोनों सरकारों ने सभी प्रकार के हितधारकों से मुलाकात की। यदि डॉ. सिंह की शिष्टता पर सवाल उठाना है, तो शायद बीजेपी को वाजपेयी जी की हुर्रियत नेताओं के साथ मुस्कुराती फोटो, या अडवाणी जी की कराची में जिन्ना के मज़ार की यात्रा का स्पष्टीकरण देना चाहिए। अन्यथा, हम सभी उनकी चुप्पी का आनंद लेना चाहेंगे।"

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2025-09-19 13:33 GMT

तालिबान ने अफ़ग़ान विश्वविद्यालयों में महिलाओं द्वारा लिखी गई किताबों पर प्रतिबंध लगाया

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान सरकार ने अफ़ग़ानिस्तान के विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम से महिलाओं द्वारा लिखी गई किताबों को हटा दिया है। इस कदम से मानवाधिकार और यौन उत्पीड़न के शिक्षण पर भी प्रतिबंध लग गया है। महिलाओं द्वारा लिखी गई लगभग 140 किताबें उन 680 किताबों में शामिल हैं जिन्हें "शरिया और तालिबान की नीतियों के विरुद्ध" होने के कारण "चिंताजनक" बताया गया है।

2025-09-19 10:05 GMT

रिपोर्टर्स कलेक्टिव की रिपोर्ट के हवाले से बड़ा खुलासा

CEC बना रहे बहाने, असल में वोट चोरी की जड़ें यहीं हैं- कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस ने एक बार फिर चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने रिपोर्टर्स कलेक्टिव की ताज़ा रिपोर्ट साझा करते हुए दावा किया कि आयोग ने तेलंगाना की तत्कालीन बीआरएस सरकार और एक प्राइवेट कंपनी Posidex Technologies Pvt Ltd को वोटरों का डेटा उपलब्ध कराया था। इसमें मतदाताओं की तस्वीरें और पते जैसी संवेदनशील जानकारियाँ शामिल थीं।

रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में बीआरएस सरकार ने ‘पेंशनर लाइव वेरिफिकेशन सिस्टम’ शुरू किया था, जिसके लिए यह डेटा निजी कंपनी को सौंपा गया। कांग्रेस का आरोप है कि एक ओर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार विपक्षी दलों को आवश्यक जानकारी देने से बच रहे हैं, जबकि दूसरी ओर आयोग पहले ही वोटरों का डेटा सरकार और प्राइवेट कंपनियों के हाथ में दे चुका है।

पार्टी ने कहा कि जब देशभर में ‘वोट चोरी’ का मुद्दा गहराता जा रहा है, तब चुनाव आयोग से जनता निष्पक्षता की उम्मीद करती है। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि यदि सीईसी पारदर्शिता नहीं दिखाते तो यह माना जाएगा कि वे "वोट चोरों" की रक्षा कर रहे हैं।

रिपोर्टर्स कलैक्टिव की रिपोर्ट पोस्ट करते हुए कांग्रेस ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा-

"चुनाव आयोग ने तेलंगाना की BRS सरकार और प्राइवेट कंपनी को वोटरों का डेटा दिया था। इसमें वोटरों की तस्वीर और उनका पता शामिल था।

2019 में तेलंगाना की BRS सरकार ने 'पेंशनर लाइव वेरिफिकेशन सिस्टम' लॉन्च किया, जिसका काम एक प्राइवेट कंपनी Posidex Technologies Pvt Ltd को दिया गया।

इसी काम के लिए चुनाव आयोग ने वोटरों का डेटा साझा किया था। ये जानकारी रिपोर्टर्स कलेक्टिव की एक रिपोर्ट में सामने आई है।

एक तरफ CEC ज्ञानेश कुमार वोटरों का डेटा देने में बहानेबाजी कर रहे हैं, दूसरी तरफ चुनाव आयोग पहले ही वोटरों का डेटा एक प्राइवेट कंपनी और BRS सरकार के हाथ में सौंप चुका है।

आज देश में 'वोट चोरी' का मुद्दा सबसे अहम है, देश की जनता चुनाव आयोग से निष्पक्षता की उम्मीद करती है। हम लगातार चुनाव आयोग से वोटरों का डेटा मांग रहे हैं, ताकि उसकी निष्पक्ष जांच हो और 'वोट चोरी' रोकी जा सके।

ज्ञानेश कुमार को ये डेटा साझा करना चाहिए, वरना देश की जनता ये मानेगी कि ज्ञानेश कुमार वोट चोरों का साथ दे रहे हैं, उनकी रक्षा कर रहे हैं।"

2025-09-19 08:32 GMT

"घुसपैठिया शब्द राजनीतिक डॉग-व्हिसल, डर और विभाजन फैलाने की भाषा"- आरजेडी सांसद मनोज झा

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज कुमार झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बार-बार "घुसपैठिया" शब्द के इस्तेमाल को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखते हुए कहा कि हाल के वर्षों में भारतीय राजनीति में भाषा का लगातार क्षरण हुआ है, जहाँ शब्द संवाद का माध्यम बनने के बजाय समाज को बाँटने का हथियार बनते जा रहे हैं। झा के अनुसार, प्रधानमंत्री का यह शब्द चुनावी रैलियों में सुनियोजित "डॉग-व्हिसल" की तरह इस्तेमाल होता है, जिसका मकसद सीमाओं की रक्षा से ज्यादा कुछ समुदायों को कलंकित करना और नागरिकता के सवालों को "अंदरूनी बनाम बाहरी" के विभाजनकारी विमर्श में बदलना है।

मनोज कुमार झा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा-

"हाल के वर्षों में, भारतीय राजनीति में भाषा का लगातार क्षरण देखा गया है, जहाँ सोच-समझकर चुने गए शब्दों का इस्तेमाल संवाद के साधन के रूप में कम और विभाजन के हथियार के रूप में ज़्यादा किया जाता है। सबसे परेशान करने वाले उदाहरणों में से एक है प्रधानमंत्री द्वारा बार-बार "घुसपैठिया" शब्द का इस्तेमाल। बिहार, बंगाल और असम में चुनाव नज़दीक आने या अन्य ज़रूरी राजनीतिक कारणों से इस शब्द का इस्तेमाल और भी ज़ोर पकड़ लेता है। प्रधानमंत्री के बोलने के बाद, उनके मंत्रिमंडल के लगभग सभी सदस्य और उनके राजनीतिक दल भी उनके साथ बोलते हैं।

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पहली नज़र में, यह अवैध आव्रजन का संदर्भ प्रतीत होता है, जो किसी भी राष्ट्र के लिए एक जायज़ चिंता का विषय है। लेकिन राजनीतिक रैलियों और सार्वजनिक भाषणों में इस शब्द का बार-बार इस्तेमाल कुछ और भी निहितार्थ उजागर करता है: एक जानबूझकर किया गया 'डॉग व्हिसल', जिसका उद्देश्य कुछ समुदायों को कलंकित करना, जनता के डर को भड़काना और नागरिकता व अपनेपन के सवालों को 'अंदरूनी बनाम बाहरी' के ज़हरीले द्वन्द में बदलना है।

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शब्द इतिहास में पहले भी कभी इतने मासूम नहीं रहे, खासकर तब जब वे आत्मुग्ध सत्तावादी प्रवृत्ति वाले नेताओं से आते हैं। राजनीति में, हर वाक्यांश का एक वज़न और एक विशिष्ट दिशा होती है और हर दोहराव एक विचार को जनचेतना में और गहराई से समाहित कर देता है। प्रधानमंत्री द्वारा "घुसपैठिया" शब्द का चयन अनायास नहीं है। यह न तो कोई तकनीकी शब्द है और न ही कोई तटस्थ शब्द, बल्कि इसमें आक्रमण, चोरी और अवैधता की छवि निहित है। इसे बार-बार इस्तेमाल करके, प्रधानमंत्री सीमाओं, पहचान और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गहरी चिंताओं को भड़काते हैं—और साथ ही उन चिंताओं को पहचाने जाने योग्य समूहों की ओर मोड़ते हैं।

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यही डॉग-व्हिसलिंग का सार है: ऐसी भाषा जो लक्षित दर्शकों/श्रोताओं को एक स्पष्ट, बहिष्कार-कारी संकेत देते देती है। आम जनता के लिए, "घुसपैठिया" अवैध प्रवेशकों के बारे में एक चेतावनी की तरह लग सकता है। लेकिन मुख्य राजनीतिक समूहों के लिए, यह अल्पसंख्यकों—खासकर मुसलमानों, खासकर असम, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे राज्यों के अल्पसंख्यकों—के खिलाफ एक आरोप के रूप में गूंजता है, जहाँ ऐसे मुद्दों को लंबे समय से बिना किसी सबूत के हथियार बनाया जाता रहा है।

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घुसपैठियों के डर को लगातार दोहराकर, सरकार और पार्टी यह डर पैदा करती है कि देश घेरे में है—बाहरी सैन्य खतरों से नहीं, बल्कि उन अनाम, बेनाम "बाहरी लोगों" से जो कथित तौर पर संसाधनों का दोहन करते हैं, जनसांख्यिकी में बदलाव लाते हैं और सुरक्षा को कमज़ोर करते हैं। इस तरह की बयानबाजी का ख़तरा न केवल यह है कि यह समस्या के पैमाने को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती है या विकृत करती है, बल्कि यह पूरे समुदायों को संदेह के घेरे में ला देती है।

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मूलतः घुसपैठिया शब्द के बारम्बार दुहराए जाने की राजनीति सीमाओं की रक्षा कम और पहचान की निगरानी ज़्यादा करती है। यह दुश्मन की तलाश में की जाने वाली बयानबाज़ी है, एक ऐसा नारा जो नाकामी को छुपाते हुए विभाजन को बढ़ावा देता है।"

2025-09-19 08:26 GMT

विशेष अभियान 5.0 में स्वच्छता पर जोर देगा रेलवे

रेल मंत्रालय ने दावा किया है कि भारतीय रेलवे विशेष अभियान 5.0 के सफल क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह तैयार है। स्वच्छता और लंबित मामलों के निपटान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

17 क्षेत्रीय रेलवे, 70 मंडलों, 10 सार्वजनिक उपक्रमों, 9 उत्पादन इकाइयों और 9 प्रशिक्षण संस्थानों में 150 से अधिक नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो वास्तविक समय पर संचार और अद्यतन जानकारी प्रदान करेंगे।

भारतीय रेलवे विशेष अभियान 5.0 के माध्यम से स्वच्छता को दैनिक अभ्यास बनाने और सभी लंबित मामलों का समय पर समाधान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

2025-09-19 08:16 GMT

भारत फिर यूपीयू में चुना गया

भारत को 2025-28 के लिए यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) के पोस्टल ऑपरेशंस काउंसिल और एडमिनिस्ट्रेशन काउंसिल के एशिया-पैसिफिक ग्रुप में फिर से चुना गया है।

यह चुनाव दुबई में 28वीं UPU कांग्रेस में हुआ था।

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि "भारत की एक और उपलब्धि!

दुबई में 28वीं UPU कांग्रेस में हुए चुनाव में भारत को 2025-28 के लिए यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) के पोस्टल ऑपरेशंस काउंसिल और एडमिनिस्ट्रेशन काउंसिल के एशिया-पैसिफिक ग्रुप में फिर से चुना गया। हम भारत को मिले समर्थन और विश्वास के लिए सभी सदस्यों का धन्यवाद करते हैं।

भारत अपने लोगों के लिए नए पोस्टल समाधान प्रदान करने और उन्हें ग्लोबल साउथ के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है।"

2025-09-19 04:55 GMT

अब आप करेगी वोट चोरी का खुलासा

राहुल गांधी के वोट चोरी खुलासे के बाद अब आम आदमी पार्टी भी वोट चोरी का खुलासा करेगी।

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा

"आज देश में चल रही वोट चोरी पर एक बड़ा खुलासा करेंगे

आज 1:00 बजे दोपहर

उससे तीन बातें साबित होंगी

1. दिल्ली में सुनियोजित तरीके के वोट चोरी की जा रही थी

2. पूरे प्रकरण में तब के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की भूमिका संदिग्ध है

3. आज के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार गुप्ता की भूमिका भी संदिग्ध है"

2025-09-19 04:51 GMT

'वोट चोरी हस्ताक्षर' अभियान में शामिल होने की प्रियंका की अपील

कांग्रेस महासचिव और वायनाड सांसद श्रीमती प्रियंका गांधी ने सभी से 'वोट चोरी हस्ताक्षर' अभियान में शामिल होने का आग्रह किया है।

उन्होंने कहा कि हर हस्ताक्षर, हर वोट जितना ही महत्वपूर्ण है। हमारे साथ जुड़ें और 'एक व्यक्ति, एक वोट' के हमारे लोकतांत्रिक सिद्धांत की रक्षा के लिए अपना समर्थन दिखाएँ। हम प्रत्येक व्यक्ति के मतदान के अधिकार और हमारे उन संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं, जो हमें एक जीवंत लोकतंत्र बनाते हैं।

2025-09-19 04:45 GMT

उमर खालिद की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

दिल्ली दंगों की व्यापक साजिश मामले में उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा और शिफा उर रहमान की जमानत याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ सुनवाई करेगी।

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