भारत केवल एक उभरता बाजार नहीं, एक उभरता हुआ मॉडल भी है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ऐसे समय में जब दुनिया अनिश्चितता और व्यवधान की आशंकाओं से जूझ रही है। भारत एक जीवंत और आशाजनक भविष्य की ओर अग्रसर है। भारत न केवल एक उभरता हुआ बाजार है, बल्कि एक उभरता हुआ मॉडल भी है।

प्रधानमंत्री सोमवार को रामनाथ गोयनका व्याख्यान में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज हम सब एक ऐसी विभूति के सम्मान में यहां आए हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र में पत्रकारिता, अभिव्यक्ति और जन आंदोलन की शक्ति को नई ऊंचाई दी है।

पीएम ने कहा कि रामनाथ गोयनका को अक्सर एक अधीर व्यक्ति के रूप में वर्णित किया जाता था, नकारात्मक अर्थ में नहीं, बल्कि सकारात्मक अर्थ में। उनकी अधीरता परिवर्तन की प्रेरणा देती थी। ठहरे हुए पानी में भी गति लाती थी। इसी तरह आज का भारत भी इसी रचनात्मक अधीरता का प्रतीक है। भारत प्रगति के लिए आतुर, विकास के लिए बेचैन और आत्मनिर्भर बनने के लिए दृढ़ है।

उन्होंने कहा कि 2022 में यूरोपीय संकट ने वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं और ऊर्जा बाजारों को बुरी तरह प्रभावित किया, जिससे दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुईं। इन चुनौतियों के बावजूद हमारी अर्थव्यवस्था ने मजबूत गति दिखाई और 2022-23 में मजबूत विकास दर हासिल की।

2023 में पश्चिम एशिया में स्थिति बिगड़ने के बावजूद हमारी विकास दर मजबूत बनी रही। इस वर्ष जारी वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत लगभग 7% की विकास दर बनाए हुए है।

उन्होंने कहा कि रामनाथ गोयनका ने हमेशा सत्य का साथ दिया और हमेशा कर्तव्य को सर्वोपरि रखा। उनके बारे में कहा जाता था कि वे बहुत अधीर थे, और अधीरता नेगेटिव सेंस में नहीं, बल्कि पॉजिटिव सेंस में थी। वो अधीरता, जो परिवर्तन के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा कराती है। वो अधीरता, जो ठहरे हुए पानी में भी हलचल पैदा कर देती है, ठीक वैसे ही आज का भारत विकसित होने के लिए अधीर है। भारत आत्मनिर्भर होने के लिए अधीर है।

उन्होंने कहा कि मैं आज इस मंच से कह सकता हूं कि भारत सिर्फ एक उभरता बाजार ही नहीं है, एक उभरता हुआ मॉडल है। आज दुनिया भारतीय विकास मॉडल को आशा का मॉडल मान रही है।

Update: 2025-11-17 15:57 GMT

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