एक ही नारी सदा ब्रह्मचारी, ऐसा क्यों बोले जस्टिस काटजू ?

जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने हेमामालिनी को धर्मेंद्र की प्रार्थना सभा में न बुलाए जाने पर “एक ही नारी सदा ब्रह्मचारी” कहा। बयान के मायनों पर चर्चा।;

Update: 2025-12-03 13:14 GMT

Only one woman is always celibate, why did Justice Katju say this?

धर्मेंद्र की प्रार्थना सभा में हेमामालिनी की अनुपस्थिति

  • सामाजिक संदेश या व्यंग्य? काटजू की टिप्पणी पर चर्चा
  • सेलिब्रिटी रिश्तों और समाज की अपेक्षाएँ

जस्टिस मार्कंडेय काटजू

एक ही नारी सदा ब्रह्मचारी

हेमा मालिनी को धर्मेंद्र की प्रार्थना सभा में नहीं आमंत्रित किया गया।

इससे यही सीख मिलती है '' एक ही नारी सदा ब्रह्मचारी ''।

( यानी कि हर आदमी को एक ही नारी से शादी करना चाहिए, और उसी पर नज़र रखे रहना चाहिए। अगर नज़र भटकी तो मुसीबत में पड़ोगे। )

(लेखक सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश हैं। यह उनके निजी विचार हैं। )

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