जस्टिस काटजू ने ऐसा क्या कह दिया कि नाराज़ हो गईं नेहा सिंह राठौड़
जस्टिस मार्कंडेय काटजू की व्यंग्यात्मक टिप्पणी से नेहा सिंह राठौड़ क्यों नाराज़ हुईं? कॉल बातचीत, कविता विवाद और ट्रोलिंग पर पूरा विवरण।;
Neha Singh Rathore should improve her Urdu: Justice Markandey Katju
नेहा सिंह राठौड़ पर जस्टिस काटजू की व्यंग्यात्मक टिप्पणी
- व्हाट्सएप्प कॉल में क्या हुआ? काटजू की ‘शेर’ वाली कहानी
- जस्टिस काटजू की कविता के बाद ट्रोलिंग: नेहा की नाराज़गी
- ज़ूम लिंक और बयान की प्रतीक्षा: बातचीत अधूरी रह गई
व्यंग्य या विवाद? ‘जेल में बिरियानी’ वाली टिप्पणी पर बहस
जस्टिस मार्कंडेय काटजू
कुछ दिन पहले मैंने मशहूर लोक गायक नेहा सिंह राठौड़ पर यह व्यंग्यात्मक कविता लिखी थी
नेहा सिंह राठौड़ विवाद पर जस्टिस मार्कंडेय काटजू की टिप्पणी : नेहा सिंह राठौड़ का हाल का बा ?
कल मैंने नेहा सिंह राठौर को व्हाट्सएप्प पर फ़ोन कियाI
मैंने नेहा को समझाने के लिए कि हर इंसान को अपनी सीमा में रहना चाहिए यह कहानी सुनाई : एक आदमी ने अपने दोस्त से कहा कि मेरा बाप बहुत बहादुर आदमी था, वह एक बार एक शेर से लड़ गयाI
उसके दोस्त ने पूछा फिर हुआ क्या ? उस आदमी ने उत्तर दिया '' होना क्या था, शेर ने उनको फाड़ के खा लिया'' I
मैंने नेहा से कहा कि तुम उस बहादुर आदमी जैसी हो, और उसी कि तरह एक शेर से लड़ गईI अब ख़ामियाना भुगत रही होI
उसने कहा कि आपने जो मुझ पर कविता लिख दी है उसके बाद बहुत सारे लोग मुझे ट्रोल करने लगे हैं, कृपया कह दीजिये कि यह एक व्यंग्य थाI
मैंने उत्तर दिया कि मुझे एक ज़ूम लिंक भेज दो फिर मैं यह कह दूंगा और उसे तुम रिकॉर्ड कर सकती होI उसने कहा मैं भेज रही हूँ पर अभी तक नहीं भेजा, और मैं इंतज़ार में हूँI
व्यंग्य में मैंने उससे कहा कि चिंता मत करो, जब तुम जेल में होगी मैं तुम्हारे लिए बिरियानी, टोस्ट, अंडा, मुर्गी, मछली, कचौरी, जलेबी, इमरती वग़ैरा रोज़ लाया करूँगाI
इस पर लगता है नेहा मुझसे नाराज़ हो गयी, और अब मेरा फ़ोन नहीं उठातीI
हरि ॐ
(जस्टिस काटजू, सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश हैं। यह उनके निजी विचार हैं।)