उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की हार संभव, भाजपा को क्रॉस वोटिंग और अविश्वास प्रस्ताव का डर
मोदी-शाह से नाराज भाजपा सांसदों की संभावित क्रॉस वोटिंग और चंद्रबाबू नायडू का झुकाव ‘इंडिया’ गठबंधन की जीत का रास्ता आसान बना सकता है...;
NDA may lose the Vice Presidential election, BJP fears cross voting and no-confidence motion
मोदी-शाह से नाराज भाजपा सांसद कर सकते हैं उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग ?
- उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को डाले जाएंगे वोट
- चंद्रबाबू नायडू का ‘इंडिया’ गठबंधन को मिल सकता है समर्थन ?
एनडीए की डिनर डिप्लोमेसी और सत्ता समीकरणों की चुनौती
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना मे दावा किया गया है कि 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की हार संभव है। मोदी-शाह से नाराज भाजपा सांसदों की संभावित क्रॉस वोटिंग और चंद्रबाबू नायडू का झुकाव ‘इंडिया’ गठबंधन की जीत का रास्ता आसान बना सकता है...
नई दिल्ली, 3 सितंबर 2025. शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना ने बड़ा दावा किया है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए को हार का सामना करना पड़ सकता है। सामना में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की कार्यशैली से नाराज भाजपा और एनडीए के कई सांसद क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के 16 सांसद भी ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के पक्ष में वोट डाल सकते हैं।
जैसा कि आप जानते हैं कि संसद के मानसून सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद रिक्त हुए पद के लिए आगामी 9 सितंबर को चुनाव होना है। सामना की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि संख्या बल में एनडीए फिलहाल आगे दिखाई देता है, लेकिन आंतरिक असंतोष और संभावित क्रॉस वोटिंग से समीकरण बदल सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा के ही कुछ सांसद मोदी-शाह की "तानाशाही शैली" से नाराज हैं और उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के पक्ष में मतदान कर सकते हैं।
रिपोर्ट में हवाला दिया गया है कि हाल ही में दिल्ली के संविधान क्लब के चुनाव में गृह मंत्री अमित शाह समर्थित उम्मीदवार संजीव बालियान की हार इसी असंतोष के कारण बताई जा रही है।
जैसा कि आप जानते हैं कि उपराष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव के लिए एनडीए ने महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि ‘इंडिया’ गठबंधन ने जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। लोकसभा और राज्यसभा के आंकड़ों को देखते हुए अगर चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी और भाजपा के असंतुष्ट सांसद विपक्ष के साथ चले जाते हैं, तो ‘इंडिया’ गठबंधन को बढ़त मिल सकती है।
दोनों सदनों की संयुक्त क्षमता को अगर देखें तो वह 786 की है। हालांकि, इसमें कई सीटें रिक्त भी हैं।
दोनों सदनों में संख्या बल
लोकसभा में ‘इंडिया’ गठबंधन में कांग्रेस (102), सपा (37) टीएमसी (29), द्रमुक (24), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) (9) और राकांपा (शरद चंद्र पवार) (8) बड़े दल हैं। एनडीए के 293 सदस्यों में भाजपा (240), टीडीपी (16) और जेडीयू (12) बड़े दल हैं। बाकी छोटे-छोटे दल हैं, जिनमें अधिकांश के एक-दो सदस्य हैं। इसी तरह राज्यसभा में कांग्रेस (27), द्रमुक (10) राकांपा शरदचंद्र पवार (4) बड़े दल हैं, जबकि दूसरी तरफ भाजपा के 96 सदस्य हैं।
सामना का दावा है कि दोनों सदनों को मिलाकर अगर 20 से अधिक सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की, तो ‘इंडिया’ को लगभग 370 और एनडीए को 359 वोट मिल सकते हैं। यही नहीं, भाजपा को इस आशंका से भी डर सता रहा है कि यदि उपराष्ट्रपति चुनाव में हार हुई तो आगे अविश्वास प्रस्ताव का खतरा और बढ़ जाएगा।