राहुल गांधी का लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर तीखा प्रहार, बोले- सेना को इमेज सुधारने का औज़ार मत बनाइए

Rahul Gandhi's scathing attack on 'Operation Sindoor' in Lok Sabha, said- Don't make the army a tool to improve the image;

By :  Hastakshep
Update: 2025-07-29 17:04 GMT

लोकसभा में राहुल गांधी का पूरा भाषण हिंदी में

राहुल गांधी का लोकसभा में धमाकेदार भाषण

  • PM की इमेज बचाने के लिए सेना का इस्तेमाल!
  • ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर केंद्र सरकार को घेरा

प्रधानमंत्री की इमेज बचाने के लिए एयरफोर्स का इस्तेमाल!— लोकसभा में राहुल गांधी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम हमले पर केंद्र सरकार की रणनीति पर बड़ा सवाल उठाया...

नई दिल्ली, 29 जुलाई 2025। आज लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम हमले के संदर्भ में केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। अपने भावुक लेकिन तल्ख़ भाषण में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को निशाने पर लिया और आरोप लगाया कि सेना का इस्तेमाल “प्रधानमंत्री की छवि बचाने” के लिए किया गया।

पहलगाम पर दुख, शहीदों के परिवारों से मुलाकात का ज़िक्र

राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए की। उन्होंने कहा कि हमला “निर्दयी, सुनियोजित और पाकिस्तान प्रायोजित” था और पूरा देश इसकी निंदा करता है। राहुल ने बताया कि वह पीड़ित परिवारों से मिलने करनाल और यूपी गए थे, जहां परिवारों का दुख देखकर वे भावुक हो गए। उन्होंने कहा “बहन कह रही थी कि मैं दरवाज़े की ओर देखती हूं, भाई नहीं आता” ।

“टाइगर को बंधन में मत बांधिए” – सेना की भूमिका पर टिप्पणी

सेना की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “जो हाथ फौजी मिलाता है, उससे पता चल जाता है कि ये हिंदुस्तान का टाइगर है। उसे कहीं भी भेज दो, वह देश के लिए जान देने को तैयार रहता है।” लेकिन साथ ही उन्होंने चेताया कि “टाइगर से काम लेना है, तो उसे पूरी आज़ादी देनी होगी।”

उन्होंने दो बातें प्रमुख रूप से रखीं—राजनीतिक इच्छाशक्ति (Political Will) और ऑपरेशन की पूरी स्वतंत्रता (Freedom of Operation), और कहा कि 1971 की जंग में इंदिरा गांधी ने सेना को पूरा भरोसा और समय दिया था, जबकि मौजूदा सरकार ने यही गलती की कि पायलटों को भेजा, लेकिन हमला करने की पूरी छूट नहीं दी।

राजनाथ सिंह के बयान पर उठाए सवाल

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान का ज़िक्र करते हुए जिसमें उन्होंने कहा था कि “हमने पाकिस्तान को बता दिया कि हमने सैन्य ठिकानों पर हमला नहीं किया और हम और बढ़ाना नहीं चाहते”, राहुल ने कहा, “ये कैसा ऑपरेशन है जहां पहले ही दुश्मन को बता दिया गया कि हम सिर्फ एक थप्पड़ मार रहे हैं, और दूसरा नहीं मारेंगे?” उन्होंने इसे “आधी रात को किया गया सरेंडर” बताया।

राजनीतिक नेतृत्व की नाकामी का आरोप

राहुल गांधी ने कहा कि इंडियन एयरफोर्स की विफलता नहीं थी, बल्कि राजनीतिक नेतृत्व की कमजोरी थी जिसने पायलटों को बिना पूरी छूट के दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम में भेज दिया। उन्होंने कहा “आपने पायलटों से कहा हमला करो, लेकिन एयर डिफेंस सिस्टम को मत छुओ—नतीजा क्या हुआ सबको मालूम है” ।

डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका पर तीखा प्रहार

राहुल गांधी ने कहा कि अगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सही नहीं हैं, तो प्रधानमंत्री को संसद में खड़े होकर कहना चाहिए कि “ट्रंप झूठ बोल रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पाकिस्तान से कहा कि हम escalation नहीं चाहते, जिससे यह संदेश गया कि भारत लड़ना ही नहीं चाहता।

चीन-पाक गठजोड़ पर चेतावनी

राहुल गांधी ने कहा कि भारत अब पाकिस्तान और चीन के एकीकृत खतरे का सामना कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान की वायुसेना को चीन से सैटेलाइट और युद्ध क्षेत्र की जानकारी मिल रही थी। उन्होंने कहा, “आप पाकिस्तान से लड़ने गए थे, लेकिन सामने चीन और पाकिस्तान की साझा ताकत खड़ी थी।”

प्रधानमंत्री की छवि को लेकर टिप्पणी

राहुल गांधी ने अपने भाषण का अंत इस तीखे आरोप के साथ किया: “सेना को प्रधानमंत्री की इमेज सुधारने का औजार मत बनाइए। देश सेना से ऊपर है, आपकी पीआर राजनीति से ऊपर है। सेना को सिर्फ राष्ट्रीय हित में इस्तेमाल कीजिए, न कि राजनीतिक प्रचार के लिए।”

कांग्रेस की एकजुटता पर ज़ोर

राहुल गांधी ने यह भी रेखांकित किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरा विपक्ष सरकार और सेना के साथ खड़ा था। उन्होंने कहा, “हमने व्यंग्य नहीं किया, टिप्पणी नहीं की, चुपचाप समर्थन किया। यह विपक्ष की परिपक्वता थी।”

राहुल गांधी का लोकसभा में आज का भाषण एक साथ भावनात्मक, राजनीतिक और रणनीतिक था। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, सेना की स्वतंत्रता, विदेश नीति और प्रधानमंत्री की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

(यह रिपोर्ट संसद में दिए गए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाषण पर आधारित है।)

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