सर्वेश्वर दयाल सक्सेना : कुआनो नदी के किनारे की गीली मिट्टी लेकर गीत रचने वाले कवि
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सर्वेश्वर दयाल सक्सेना : कुआनो नदी के किनारे की गीली मिट्टी लेकर गीत रचने वाले कवि

सर्वेश्वर दयाल सक्सेना : कुआनो नदी के किनारे की गीली मिट्टी लेकर गीत रचने वाले कवि

बड़ी बासी सी लगती है जब नज़्म मेरी ज़िंदा सवाल ढोती है… घर वापसी मजदूर की है ना कि राजा राम की
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बड़ी बासी सी लगती है जब नज़्म मेरी ज़िंदा सवाल ढोती है… घर वापसी मजदूर की है ना कि राजा राम की

बड़ी बासी सी लगती है जब नज़्म मेरी ज़िंदा सवाल ढोती है… घर वापसी मजदूर की है ना कि राजा राम की

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