एयर मार्शल संजीव घुर्तिया का कार्यभार ग्रहण

  • राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद को श्रद्धांजलि
  • एयर मार्शल का विशेषज्ञ और पेशेवर
  • 37 वर्षों की उत्कृष्ट सेवा और उपलब्धियाँ
  • एयर मार्शल संजीवन घुट्टीया को मिले सम्मान और पुरस्कार

एयर मार्शल संजीवन घुटटिया का व्यक्तिगत जीवन

एयर मार्शल संजीव घुर्तिया एवीएसएम वीएसएम ने 1 सितंबर 2025 को वायु सेना मुख्यालय में एयर ऑफिसर-इन-चार्ट मेंटेनेंस का निजीकरण किया। उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजली दी और अपने 37 वर्षों के शानदार इतिहास में कई महत्वपूर्ण स्मारकों पर काम किया है...

नई दिल्ली, 01 सितंबर 2025। एयर मार्शल संजीव घुर्तिया एवीएसएम वीएसएम ने आज वायु सेना मुख्यालय में एयर ऑफिसर-इन-आर्क मेंटेनेंस का स्टाक लिया है। हिटलर के बाद एयर मार्शल ने संयुक्त राष्ट्र सशस्त्र सशस्त्र बलों के जवानों के सम्मान में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि के सम्मान में,घोषित देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।

एयर मार्शल संजीव घुरतिया एवीएसएम वीएसएम कौन हैं?

रक्षा मंत्रालय के एक प्रेस मॉनिटर के अनुसार एयर मार्शल संजीव घुराटिया एवीएसएम वीएसएम ने सितंबर 1988 में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग शाखा में कमीशन प्राप्त किया था। वे प्रतिष्ठित डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन, एयर फ़ोर्स टेस्ट पायलट स्कूल, बेंगलुरु और एयर फ़ोर्स टेक्निकल कॉलेज, कॉलेज के पूर्व छात्र हैं।

एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में एयर मार्शल संजीव घुराटिया जीईसी, जबलपुर, बिट्स पेरानी और मद्रास विश्वविद्यालय के भी पूर्व छात्र हैं और उन्होंने भोपाल विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है। वे रॉयल एयरोनॉटिकल सोसाइटी, लंदन, एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकॉम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के फेलो हैं।

वे 45,000 (ओएच और एसएमएस) के लीड स्टूडेंट और सोसाइटी ऑफ फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर्स, यूएसए के एसोसिएट सदस्य हैं।

वायु सेना अधिकारी ने अपने 37 वर्षों के गौरवशाली इतिहास में जहाजों और विदेश में संयुक्त राष्ट्र मिशन में कई महानिरीक्षक कमांड और कर्मचारियों पर काम किया है।

एयर ऑफिसर-इन-चार्ट मेंटेनेंस के स्टाफ के पद पर पहले वे मुख्यालय एमसी में सीनियर मेंटेनेंस स्टाफ के पद पर थे।

वायु सेना अधिकारी को उनकी विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 2016 में 'विशिष्ट सेवा पदक' और 2025 में 'अति विशिष्ट सेवा पदक' से सम्मानित किया गया। संयुक्त राष्ट्र मिशन कांगो में सेवा करते हुए उन्हें संयुक्त राष्ट्र के फोर्स कमांडर द्वारा भी सराहना मिली।

वायु सेना अधिकारी की पत्नी से विवाह बंधन में बंध गई और दम्पति की दो बेटियाँ हैं।