अब पिंजड़े में कैद तोता है भारतीय रिजर्व बैंक भी
अब पिंजड़े में कैद तोता है भारतीय रिजर्व बैंक भी
अब पिंजड़े में कैद तोता है भारतीय रिजर्व बैंक भी, जनपक्षधर लोग किस पिंजडे में कैद हैं, समझना मुश्किल है
जोगीरा सारारा...ना गरीब की ना अमीर की...केवल गुलाल और अबीर की...होली तो बस होली है...जोगीरा होली निवेशकों,पूंजी की होली है..सारारा..
निर्भया हत्याकांड में बलात्कारी हत्यारे मुकेश के इंटरव्यू ने भारतीय समाज में पुरुष वर्चस्व का देहमन बेनकाब कर दिया है।
कंडोम अर्थव्यवस्था का कंडोम राष्ट्रवाद आइने के मुखातिब बेहद तिलमिला रहा है।
गौरतलब है कि भारत सरकार, भारतीय संसद और भारतीय अदालत की भावनाओं को नजरअंदाज कर बीबीसी चैनल 4 ने निर्भया रेप केस पर बनी डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण कर दिया है। इंडियाज डॉटर नाम की ये फिल्म ब्रिटेन के समय के मुताबिक रात 10 बजे तो भारतीय समय के मुताबिक आज तड़के साढ़े तीन बजे दिखाई गई। ये प्रसारण ब्रिटेन के अलावा यूरोप के दूसरे देशों में भी हुआ। विवाद के चलते मिली चर्चा का फायदा लेने के लिए डॉक्यूमेंट्री को समय से पहले ही प्रसारित कर दिया गया। पहले ये फिल्म 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रसारित की जानी थी।
इस इंटरव्यू के खिलाफ बहुत बवंडर मचा हुआ है, इसका तनिको हिस्सा अगर स्त्री दुर्गति के लिए जिम्मेदार रंगभेदी मनुस्मृति पुरुष वर्चस्व के खिलाफ गोलबंद हो तो हालात बदल जाये। लेकिन ऐसा नामुमकिन है।
इसके उलट इस धर्मनिरपेक्ष देश की संविधान प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने को लेकर बवंडर है लेकिन हिंदू साम्राज्यवाद के कारपोरेट कार्निवाल पर सन्नाटा ही सन्नाटा है।
शिवसेना खुलेआम धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र भारत में ऐलान कर रही है कि मुसलमानों को विशेष सुविधा चाहिए तो पाकिस्तान चले जाएं।
अनंतमूर्ति को पाकिस्तान में बसने का फतवा जारी हुआ था।
मुरुगन ने अपनी मृत्यु की घोषणा कर दी फतवे के खिलाफ। तो चित्रकार हुसैन भारत छोड़कर चले गये और फिर गुजर गये।
2021 तक मुसलमानों और इसाइयों के सफाये का ऐलान हो रहा है।
शत प्रतिशत हिंदुत्व का ऐलान हो रहा है।
लोकतंत्र नपुंसक बना धर्मनिरपेक्ष है।
स्त्री पक्ष का यह पाखंड मजेदार होली रंग है जो चटख भी खूब है।
देश जब होली मना रहा है तब 35 साल के वाम राजकाज लवाले प्रगतिशील बंगाल में होक कलरव वाले जादवपुर में सुबह सवेरे लेनिन की मूर्ति तोड़ने की खबर बनी है।
जिस देश में गोडसे के मंदिर बन रहे हों, वहां वोटबैंक समीकरण के नाम पर धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए रोजाना गांधी की हत्या हो रही हो, लेकिन अंबेडकर को भी बहुजन वोट के लिए ईश्वर बनाने का आयोजन हो तो वोटबैंक से बेदखल कामरेड लेनिन अब तक परिवर्तन राज में क्यों बने हुए हैं,यह बेहद अचंभे की बात है।
मार्क्स और लेनिन की मूर्तियों के खंडन मंडन में जो कामरेड सक्रिय हैं और राज्यतंत्र में बदलाव करके वर्गहीन समाज की परिकल्पना उनकी जो मनुस्मृति अर्थव्यवस्था की संसदीय सहमति की राजनीति बन गयी है और संघ परिवार की पूंछ आप की जिसम पर साम्यवादी परचम जो टांगा जा रहा है,वह कोलकाता में लेनिन मूर्ति भंग से ज्यादा हैरतअंगेज है।
डाउ कैमिकल्स का बजट पेश होने से पहले मोदी की पाठशाला में बूढ़े तोता को नई परिभाषाओं, नये पैमानों, नये प्रतिमानों और मानकों और आंकड़ों की बाजीगरी का पाठ पढ़ाया गया। उससे भी पहले योजना आयोग खत्म करके बगुला आयोग बनाने की कयावद के समांतर रिजर्व बैंक के सिभी 29 विभागों में निजी कंपनियों के कारपोरेट तत्वों का राजकाज शुरू हो गया।
देश में मनसेंटो हरियाली की मेकिंग इन गुजरात, मेकिंग इन अमेरिका के लिए बजट पेश होते न होते रिजर्व बैंक को हिदायत दी गयी कि कारपोरेट को जो छूट, रियायतें और प्रोत्साहन निवेशकों की आस्था की बहाली के लिए अता फरमाया गया है, उन्हें अमली जामा मौद्रिक कवायद के जरिए पहनाकर होली का जश्न शुरू करना है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने वहीं किया और सेनसेक्स निफ्टी की दौड़ बेलगाम है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में सर्विस टैक्स को 12.36 पर्सेंट से बढ़ाकर 14 फीसदी किया है, लेकिन आपको बता दें कि यह इतना भर नहीं है। जरा अपनी जेब थामकर बैठिए, क्योंकि आपको कुल मिलाकर 16 पर्सेंट सर्विस टैक्स चुकाना पड़ सकता है। बजट में 'स्वच्छ भारत मिशन' के लिए प्रस्तावित 2 फीसदी सेस को भी सर्विस टैक्स में जोड़ने का पूरा प्रावधान किया गया है। अगर यह लागू किया जाता है तो आपको भारी भरकम 16 फीसदी सर्विस टैक्स चुकाना पड़ेगा।
बजट पेश होने के कुछ ही दिनों के भीतर बिग बैंग हो गया। रेपो दर में अचानक कटौती करने के भारतीय रिजर्व बैंक के कदम से शेयर बाजार में तेजी का जोर रहा जिससे बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 30,000 अंक का मनोवैज्ञानिक स्तर पार कर गया। हालांकि, बाद में भारी मुनाफा वसूली से यह बढ़त कायम न रख सका और 213 अंक टूटकर बंद हुआ।
अब उद्योग जगत की ओर से फिर रिजर्व बैंक को फिर ब्याज दरों में कटौती का सिसिला जारी रखने का हुक्म जारी हुआ है और बूढ़ा पिंजरे में बंद तोता दरअसल हुक्मउदुली करने की जुर्रत कर ही नहीं सकता।
हेल्थ हब में तब्दील देश के डिजिटल बायोमैट्रिक क्लोन नागरिकों की सेहत के लिए रेनबैक्सी और सनफार्मा की यह मेकिंग इन भी आने वाले अछ्छे दिनों में खास गुल खिलाने वाली है। दवाइयों की कामतों पर कोई नियंत्रण नहीं है और स्वास्थ्य बाजार अंग प्रत्यारोपण उद्योग में तब्दील है। इसके साथ ही बीमा संशोधन के जरिये स्वास्थ्य बीमा की बाड़ेबंदी की तैयारी भी है।
पलाश विश्वास


