कर्नाटक चुनाव में भाजपा की मुसीबत बना सूडान का गृहयुद्ध
देश | राजनीति | राज्यों से | दुनिया | समाचार सूडान में हक्की पिक्की पिछले कुछ दिनों से बिना भोजन के फंसे हुए हैं और सरकार ने अभी तक उन्हें वापस लाने के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की है।

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एस जयशंकर से सिद्धारमैया बोले, हमें ऐसे व्यक्ति के बारे में बताएं, जो हमारे लोगों को सूडान से वापस ला सके
नई दिल्ली, 19 अप्रैल 2023. सूडान में गृह युद्ध छिड़ा हुआ है। सूडान की सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष जारी है। लेकिन यह सूडान का गृह युद्ध चुनावी राज्य कर्नाटक में भाजपा के लिए मुसीबत बन गया है। कर्नाटक के 31 आदिवासी सूडान में फंसे हुए हैं और उन्हें वापस लाने में सरकार की निष्क्रियता के आरोप वाली टिप्पणी को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के बीच ट्विटर वॉर छिड़ गया है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने संकटग्रस्त सूडान में फंसे कर्नाटक के आदिवासियों को बचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों से अपील की थी, यह आरोप लगाते हुए कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिस पर जयशंकर ने जवाब दिया था: मैं आपके ट्वीट से हैरान हूं! जीवन दांव पर लगा है, राजनीति मत करो।
जयशंकर ने कहा, खार्तूम सूडान में ज्यादातर भारतीय नागरिकों और पीआईओ के साथ लगातार संपर्क में है।
विदेश मंत्री पर व्यंग्य करते हुए सिद्धारमैया ने उनसे उस व्यक्ति की ओर इशारा करने को कहा जिससे लोगों को वापस लाने के लिए संपर्क किया जा सके क्योंकि वह बिजी हैं।
मंगलवार देर रात सिद्धारमैया ने पोस्ट किया, चूंकि आप (जयशंकर) विदेश मंत्री हैं, मैंने आपसे मदद की अपील की है। यदि आप बिजी हैं, तो कृपया हमें उस व्यक्ति के बारे में बताएं जो हमारे लोगों को वापस लाने में हमारी मदद कर सके।
जयराम रमेश की विवाद में एंट्री
कांग्रेस मीडिया सेल इंचार्ज जयराम रमेश ने कहा कि यह सिद्धारमैया को केंद्रीय विदेश मंत्री की ओर से सबसे भयावह प्रतिक्रिया है।
सिद्धारमैया ने पोस्ट की एक सीरीज में कहा था, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से तत्काल हस्तक्षेप करने और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं।
कांग्रेस नेता ने कहा, सूडान में हक्की पिक्की पिछले कुछ दिनों से बिना भोजन के फंसे हुए हैं और सरकार ने अभी तक उन्हें वापस लाने के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की है। भाजपा सरकार को हक्की-पिक्की की भलाई सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक चर्चा करनी चाहिए और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों तक पहुंचना चाहिए।
आपको बता दें कि कर्नाटक के प्रमुख आदिवासी समुदायों में से एक 'हक्की पिक्की' है। कन्नड़ में 'हक्की' शब्द का इस्तेमाल 'पक्षी' और 'पिक्की' का इस्तेमाल 'पकड़ने' के लिए किया जाता है, यानी इस समुदाय का पारंपरिक व्यवसाय 'पक्षी पकड़ने' के रूप में जाना जाता है।
सिद्धारमैया ने कहा था, यह जानना भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने सूडान में चल रहे गृहयुद्ध में एक भारतीय और 60 अन्य लोगों को खो दिया है। उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है और क्षेत्र में शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।
राज्य के आदिवासी वहां व्यापार के सिलसिले में गए थे। सूत्रों के मुताबिक, चन्नागिरी की पांच जनजातियां, शिवमोग्गा की सात, मैसूरु जिले के हुनासुरु शहर की 19 जनजातियां सूडान में फंसी हुई हैं।
Since you are the External Affairs Minister @DrSJaishankar I have appealed you for help.
If you are busy getting appalled please point us to the person who can help us bring our people back. https://t.co/B21Lndvxit
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) April 18, 2023
Simply appalled at your tweet! There are lives at stake; don’t do politics.
Since the fighting started on April 14th, the Embassy of India in Khartoum has been continuously in touch with most Indian Nationals and PIOs in Sudan. https://t.co/MawnIwStQp
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) April 18, 2023
If you are busy getting appalled please point us to the person who can help us bring our people back.: Siddaramaiah to S Jaishankar
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