गुजरात की जनता जाग रही है, भाजपा चुनाव से भाग रही है
गुजरात की जनता जाग रही है, भाजपा चुनाव से भाग रही है
नियम में हेराफेरी क्यों गुजरात चुनाव में देरी क्यों
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर, 2017- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन के नेतृत्व में दिल्ली कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ताओं ने अशोका रोड स्थित भारतीय चुनाव आयोग के कार्यालय के सामने गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों में देरी करने के खिलाफ कल प्रदर्शन किया।
अजय माकन ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोती को एक ज्ञापन भी दिया।
चुनाव आयोग के बाहर प्रदर्शनकारी कांग्रेस कार्यकर्ता ‘‘नियम में हेराफेरी क्यों गुजरात चुनाव में देरी क्यों’’, लोकतंत्र का हो सम्मान, गुजरात चुनाव का हो ऐलान’’, ‘‘कानून का सम्मान करो, चुनाव का ऐलान करो’’, ‘‘गुजरात की जनता जाग रही है, भाजपा चुनाव से भाग रही है’’, ‘‘मोदी हार से डरता है, चुनाव को आगे करता है’’, चुनाव आयोग अपनी साख बचाओ, गुजरात चुनाव की कोई तो तारीख बताओ, आदि नारे लगा रहे थे।
प्रदर्शनकारियों में प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के अलावा पूर्व सांसद सज्जन कुमार, महाबल मिश्रा व रमेश कुमार, पूर्व मंत्री हारुन यूसूफ व डा0 नरेन्द्र नाथ, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता अभिषेक दत, पूर्व विधायक हरी शंकर गुप्ता, हसन अहमद, कुंवर कारण सिंह, नीरज बसौया, विरेन्द्र कसाना, मोहम्मद उस्मान, प्रदीप शर्मा, चतर सिंह, ब्रहम यादव, राजेश चौहान, महमूद जिया, वरयाम कौर, जगजीवन शर्मा, आर मणि नायडू मेहदी माजिद सहित हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।
कांग्रेस कार्यकर्ता चुनाव आयोग के द्वारा गुजरात चुनाव की तारीखों की घोषणा न करने के खिलाफ प्रदर्शन कर रह थे, जबकि चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस अगुवाई वाले राज्य में चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है।
संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए अजय माकन ने कहा कि चुनाव आयोग ने मोदी को फायदा पहुँचाने के लिए हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा नहीं की।
श्री माकन ने कहा कि मोदी की केन्द्र सरकार कांग्रेस की लगातार हो रही पंजाब में गुरदासपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में हुई जीत तथा केरल उपचुनाव में कांग्रेस की जीत से डर गई है। श्री माकन ने कहा कि मोदी को यह साफ पता चल गया है कि उनकी सरकार न सिर्फ केन्द्र में विफल रही है बल्कि गुजरात में भी उन्होंने लोगों से किए गए वायदों को पूरा नहीं किया है।
श्री माकन ने कहा कि चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा में देरी जानबूझकर इसलिए की जा रही है ताकि गुजरात में मोदी की बड़ी रैलियां हो जाए और उनमें मोदी बड़े-बड़े वायदे गुजरात की जनता के लिए कर दें जिससे कि उनको लुभाया जा सके। ज्ञात हो कि यदि गुजरात चुनाव की घोषणा अभी तक हो जाती तो मोदी गुजरात में बड़ी-बड़ी घोषणाएं करने में असफल हो जाते क्योंकि आचार संहिता लग जाती।
श्री माकन ने कहा कि चुनाव आयोग ने गोवा, मनीपुर, पंजाब, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के चुनावों की तारीखों की घोषणा एक साथ करने का फैसला लिया जबकि गोवा, मनीपुर, पंजाब में 18 मार्च, 2017 को कार्यकाल खत्म होना था और उत्तराखंड में 26 मार्च, 2017 और उतर प्रदेश में 27 मई, 2017 में कार्यकाल खत्म होना था।
श्री माकन ने कहा कि गोवा, मणिपुर, पंजाब व उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश में सरकारों के कार्यकाल में खत्म होने में 2 महीनों से ज्यादा का अंतर था परंतु चुनाव आयोग ने एक साथ चुनावों की घोषणा कर दी थी ताकि चुनाव आचार संहिता एक साथ इन राज्यों में लगाई जा सके और इन राज्यों में लुभावनी घोषणाऐं न की जा सके।
श्री माकन ने ज्ञापन में यह भी कहा कि यदि अब कोई लुभावनी घोषणाएं अंतिम समय में भाजपा सरकार द्वारा की जाती है तो उसकी चौतरफा आलोचना तो होगी तथा ये घोषणाऐं मतदाताओं को आकर्षित नहीं कर पाऐंगी, जबकि चुनाव आयोग की यह जिम्मेदारी बन जाती है कि वो इस प्रकार की घोषणाओं पर लगाम लगाए। उन्होंने कहा कि हालांकि चुनाव आयोग ने यह घोषणा की हुई है कि गुजरात के चुनाव 18 दिसम्बर से पहले पूरे होंगे इसलिए गुजरात पर भी चुनाव आचार संहिता लागू होनी चाहिए। ज्ञात हो कि चुनाव आयोग ने समय-समय पर उन राज्यों की एक साथ चुनावों की घोषणा की है जिन राज्यों में 6 महीनों के भीतर सरकारों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
श्री माकन ने ज्ञापन में यह भी कहा कि 2002-2003 में गुजरात दंगों के बाद के चुनाव को छोड़कर 1998 से गुजरात व हिमाचल प्रदेश में चुनाव साथ-साथ हो रहे है। 2003-2003 में गोधरा दंगों के बाद गुजरात की विधानसभा समय से पहले भंग कर दी गई थी। चुनाव आयोग 1998 से गुजरात व हिमाचल प्रदेश के चुनावों की एक साथ घोषणा करता आ रहा है। नीचे दी गई तालिका में इसका विस्तृत वर्णन है।
| Year |
| Gujarat | Himachal Pradesh |
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| 1998 | Date of Announcement | Jan 1 | Jan 1 |
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| Date of Poll | Feb 28 | Feb 28 |
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| Counting | March 8 | March 8 |
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| Election held within | 67 Days | 67 Days |
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| 2007 | Date of Announcement | Oct 10 | Oct 10 |
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| Date of Poll | Dec 11,16 | Nov 14, Dec 19 |
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| Counting | Dec 23 | Dec 28 |
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| Election held within | 74 Days | 79 Days |
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| 2012 | Date of Announcement | Oct 3 | Oct 3 |
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| Date of Poll | Dec 13,17 | Nov 4 |
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| Counting | Dec 20 | Dec 20 |
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| Election held within | 79 Days | 79 Days |
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श्री माकन ने कहा कि जब हिमाचल और गुजरात के राज्यों के चुनावों की घोषणा एक साथ हो रही है तो इस वर्ष चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश के चुनाव के साथ गुजरात के चुनावों की घोषणा किन कारणों से नहीं की।
श्री माकन ने कहा कि यह अब चुनाव आयोग जिम्मेदारी बन जाती है और हम मांग भी करते हैं कि चुनाव आयोग गुजरात चुनाव की घोषणा जल्द करके राज्य में आचार संहिता लागू करे।


