डॉलर की मौत, नए मनुष्य का जन्म
डॉलर की मौत, नए मनुष्य का जन्म
डॉलर की मौत का मतलब है, सम्पूर्ण मानवता को नया जीवन
हमारे देश में डॉलर की मौत का मतलब है नागपुर मुख्यालय की मौत
विश्व परिदृश्य बदल रहा है। डॉलर दुनिया में अपना शासन स्थापित करने में असमर्थ हो रहा है। डॉलर के ख़त्म होने का मतलब है कि सम्पूर्ण मानवता के खिलाफ जारी एक युद्ध की समाप्ति। इस काम में चीन, ईरान सहित जो आर्थिक समझौते और मानवता को अमेरिकी साम्राज्यवाद से बचाए रखने के लिए जो रास्ते खोजे जा रहे हैं, उसी के सन्दर्भ में अमेरिकी-जर्मन विद्वान, इतिहासकार और रणनीतिक जोखिम परामर्शदाता विलियम एंगडाह्ल ने ‘न्यू ईस्टर्न आउटलुक’ पत्रिका में प्रकाशित अपने लेख में कहा है :
“कभी-कभी वैश्विक राजनीति में युगांतरकारी परिवर्तन ऐसी घटनाओं से आरम्भ होते हैं जिनकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की हाल ही की तेहरान यात्रा ऐसी ही एक घटना है। इन वार्ताओं के परिणाम यह दिखाते हैं कि शांतिपूर्ण आर्थिक विकास में विश्वास रखने वाले देशों के यूरेशियाई स्वर्ण त्रिकोण की जीवनाधारी तीसरी भुजा अब पा ली गई है।”
एंगडाह्ल ने यह निष्कर्ष व्यक्त किया है:
“रेशम मार्ग की योजना में यह लक्ष्य निर्धारित है कि रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास इस तरह किया जाएगा ताकि इससे नए स्वर्ण-खनन कार्य को मदद मिले जो यूरेशियाई सदस्य देशों की मुद्राओं की पीठ मजबूत करेगा। अब ईरान अपने अभी तक अछूते पड़े स्वर्ण-भंडारों के साथ भी इस योजना में शामिल हो जाएगा तो कर्ज में डूबी, अतिशय स्फीति से ग्रस्त डॉलर प्रणाली के लिए एक घातक सकारात्मक विकल्प पैदा हो जाएगा जो शांति और विकास के लिए कृतसंकल्प है।”
वह कहते हैं:
“ईरान और चीन के बीच नवीनतम व्यापर समझौतों के बाद ‘चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर’ का जीवनदायक महत्व और भी बढ़ गया है”|
डॉलर की मौत का मतलब है, सम्पूर्ण मानवता को नया जीवन। हमारे देश में डॉलर की मौत का मतलब है नागपुर मुख्यालय की मौत। इसका स्वभाव रहा है पहले ब्रिटिश साम्राज्यवाद के जूतों में पॉलिश करना और अब अमेरिकी साम्राज्यवाद के जूतों की चमक को बढ़ाने के लिए नरम ओठों से उसको चमकाना।


