तन भी पारस मन भी पारस, छू लूँ तो कर दूँ सोना।

हमसे कितना प्यार है जानम, एक बार तो कह दो ना।।

मोबाइल पे हमने कितना ट्राई किया है तुमको,

एक बार इजहार, इशारा कर तो देते हमको,

ढूँढ-ढूँढ हारा तुमको ये नयनों का काजल,

पर जाने क्या मूढ़ तुम्हारा ज्यों सावन का बादल,

मेरे मन में तेरी खुशबू महक रहा कोना-कोना।

हमसे कितना.......

नाम हथेली पर लिखती हूँ बार-बार मैं तेरा,

तुमसे प्यार हुआ है जाने कितना गहरा-गहरा,

खोल के दरवाजा बैठी हूँ पर तू ना आया रे,

मेरे दिल के समाज ने तेरा गीत सदा गाया रे,

देर है बस नजरें मिलने की कर दूंगी जादू-टोना।

हमसे कितना....

जब से तुमको देखा तो खुल गये किस्मत के ताले,

चैन से सोया है तू मेरी नींद उड़ाने वाले,

पानी में मत चाँद दिखाना, सुन ले जाने जाना,

मेरा दिल कितना गहरा, तेरा दिल कितना बौना,

हमसे कितना......

मीनू शर्मा

केसवराय पाटन कोटा बूंदी