मैं हूं वह हवा ...

उड़ान आसमान पर...

ना कोई रूप ना कोई रंग अपनी दुनिया में मगन...

ना कोई भेद ना कोई भाव बस यह खुला आसमान

मौसम कुछ भी हो सर्द गर्म या भारी वर्षा

मेरा तो काम है बस चलते रहना

बस चलते रहना... ..

नारी तेरे रूप अनेक

कभी ना कभी बेटी कभी बहन तो कभी पत्नी

हर रूप में तेरे फर्ज अनेक

समझे जो इनकी कीमत

वह सच में है महानता की मूरत...

दे शक्ति भगवान सभी नारियों को रोशन करें

घर आंगन और समाज

पॉजिटिविटी लाए नेगेटिविटी हटाए

नारी तेरे रूप अनेक.. नारी तेरे रूप अनेक

बेवजह यह दिल ना रोता है ना हंसता है

तकदीर जो सिखाती है वह सिर्फ सीखता है

यह अपने ही लोग होते हैं

जो अक्सर हर शिक्षा देते हैं

सच है शायद यह जीवन तो हर दिन एक इम्तिहान है

पास हो या फेल हो यह हमारे हुनर की बात है...

बाहर निकली तो बारिश को देखा

ऐसा लगा दिल को

तेरी बातों की गहराईयां समझ आईं

यह बूंदें भी शायद कुछ संदेश ले आईं