पैंथर्स पार्टी ने अंतिम मुगल सम्राट शाह जफर को उनकी पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि दी
पैंथर्स पार्टी ने अंतिम मुगल सम्राट शाह जफर को उनकी पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि दी
पैंथर्स पार्टी ने अंतिम मुगल सम्राट शाह जफर को उनकी पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि दी
नई दिल्ली, 07 नवंबर 2019. नेशनल पैंथर्स पार्टी (National Panthers Party) ने यहां आज नई दिल्ली में अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर की पुण्यतिथि (The death anniversary of the last Mughal emperor Bahadur Shah Zafar) के अवसर पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनकी ब्रिटिश शासकों के खिलाफ ऐतिहासिक लड़ाई को याद करते हुए एक बैठक भी आयोजित की।
बहादुर शाह जफर की मृत्यु 87 वर्ष की आयु में 7 नवंबर, 1862 को रंगून (बर्मा) जेल में उनके देशनिकाले के दौरान हुई।
अंतिम मुगल सम्राट शाह जफर के खिलाफ मुख्य आरोप यह था कि उन्होंने 1857 में मेरठ से शुरू हुई स्वतंत्रता संग्राम का सहयोग और समर्थन किया था। ब्रिटिश शासकों ने उन्हें भारत के मुगल राजा के सिंहासन से हटा दिया और 1858 में उन्हें उनकी पत्नी रानी जीनत महल के साथ गिरफ्तार कर समुद्र के रास्ते बर्मा की राजधानी रंगून जेल में बंद कर दिया गया।
बहादुर शाह जफर का जन्म 24 अक्टूबर, 1775 को हुआ था, जिन्होंने भारत के ब्रिटिश शासकों द्वारा गिरफ्तार किए जाने और देशनिकाले तक अंतिम मुगल सम्राट के रूप में 20 साल तक भारत पर शासन किया था।
प्रो. भीम सिंह, जो नेशनल पैंथर्स पार्टी के मुख्य संरक्षक और लंदन विश्वविद्यालय से लॉ में स्नातकोत्तर हैं, के लिए बड़े आश्चर्य की बात थी, 1972 में अपनी शांति मिशन पर मोटरसाइकिल पर विश्वयात्रा के दौरान रंगून, बर्मा पहुंचे और शाह जफर की कब्र पर फूल चढ़ाए। एक महान स्वतंत्रता सेनानी और अंतिम मुगल शासक शाह जफर की कब्र पर जाकर प्रो. भीम सिंह को सलाम करने का अवसर मिला, जहां उन्हें 1862 में ब्रिटिश शासकों द्वारा दफनाया गया था। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होकर वनवास में रहना पसंद किया, परंतु क्रूर ब्रिटिश शासकों के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया।
इस मुगल शासक के अंतिम शब्द महान देशभक्तों के राष्ट्रीय अभिलेखागार में हमेशा उपलब्ध रहेंगे, जिन्होंने अपने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने जीवन का बलिदान दे दिया। उन्होंने अपनी बर्मी जेल स्मृति के अंतिम शब्दों की पेशकश की थी कि उन्हें अपनी कब्र के लिए अपनी जन्मभूमि (भारत) में दो गज जमीन नहीं मिल सकती। शाह जफर में अपने शब्दों में कहा था,
कितना बदनसीब जफर दफन के लिए था!
दो गज जमीन भी न मिली कुये यार में !!
Panthers Party paid tribute to the last Mughal Emperor Shah Zafar on his death anniversary


