बंगाल- भाजपा के लिए अब नहीं तो कभी नहीं
भरोसा धार्मिक ध्रुवीकरण का, लेकिन कहीं ऐसा न हो कि पंजाब, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर में फैसला होने से पहले बंगाल संघ परिवार के लिए वाटरलू हो जाये।
कोलकाता। बागी बंगाल को कब्जाने के लिए भाजपा ने आज की कोलकाता रैली को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना दिया था। मां माटी मानुष की सरकार के सत्ता में आने के बाद मध्य कोलकाता में सत्ता पक्ष के अलावा किसी को किसी कार्यक्रम की इजाजत नहीं है। भाजपा को भी इजाजत नहीं मिली थी जो उसने हाईकोर्ट के हस्तक्षेप में, हाईकोर्ट की देख-रेख के तहत हासिल कर लिया और इससे बंगाल भर में ममता बनर्जी की आत्मघाती जिद की वजह से हौसला बुलंद हो गया है जिसकी झलकियां आज की रैली में दिखी।
ममता बनर्जी की शारदा घोटाले में मंत्रियों, सांसदों, विधायकों समेत तमाम दागी नेताओं को बचाने की कवायद से वे और उनके परिजन कठघरे में खड़े हैं। हालांकि पिछले चुनावों में शारदा घोटाले का कोई असर नहीं हुआ है लेकिन अब की दफा एकमात्र शारदा मुद्दे को लेकर संघ परिवार धर्मोन्मादी ध्रुवीकरण के तहत बंगाल जीत लेने की तैयारी में है। लोकसभा चुनाव के बाद से अपनी लगातार जीत से उत्साहित बीजेपी अब पश्चिम बंगाल में सीधे तौर पर तृणमूल कांग्रेस से भिड़ने को तैयार है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कोलकाता में रैली के माध्यम से 2016 के विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया। शाह ने कहा कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के विकास में रोड़े अटका रही हैं।
शारदा मामले में दोषियों को सजा दिलाने के बदले केंद्र के खिलाफ अचानक बागी तेवर अपनाकर दीदी ने दिल्ली और कोलकाता में भाजपा विरोधी धर्मनिरपेक्ष तेवर जो अपना लिया है, उससे उनकी साख तेजी से गिरती जा रही है। दागी नेताओं के बचाव में भाजपा रैली से पहले पदयात्रा में खुद शामिल होकर दीदी ने बुद्धिजीवियों के जुलूस के नाम पर सीरियल कन्याओं का मजमा खड़ा कर दिया, जिससे उनकी हालत हास्यास्पद हो गयी है जबकि रोजगार सृजन और बंद कल काऱकाने खोलने की दिशा में वे अभी कोई पहल कर नहीं सकीं। विकास परियोजनाओं का शिलान्यास तो थोक भाव से हो रहा है लेकिन पीपीपी माडल के भरोसे घोषित इन योजनाओं के लिए दीदी की नंदीग्राम सिंगुर पृष्ठभूमि आड़े आ रही है।
अमित शाह ने कोलकाता में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला।
अमित शाह ने कहा कि वह वह पश्चिम बंगाल से 'भ्रष्ट' तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ फेंकने के लिए कोलकाता आए हैं। अमित शाह ने शारदा चिटफंड घोटाले को लेकर ममता पर आरोप लगाया कि वह घोटाले के आरोपियों को बचा रही हैं।
शाह ने कहा, मैं ममता बनर्जी को चुनौती देता हूं कि वह यह कहें कि जिन लोगों को शारदा चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार किया गया है, वे दोषी नहीं हैं। बीजेपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि शारदा चिटफंड घोटाले के पैसे का इस्तेमाल बर्धमान विस्फोट में किया गया।
अमित शाह ने कहा कि एनआईए को बर्धमान विस्फोट मामले की सही से जांच करने की इजाजत नहीं मिल रही है, क्योंकि इसमें तृणमूल कांग्रेस के नेता 'शामिल' हैं। अमित शाह ने कहा, मैं ममता दी से अपील करना चाहता हूं कि वह अपनी वोट बैंक की राजनीति करती रहें, लेकिन देश की सुरक्षा की कीमत पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देना बंद करें।
वाम दलो में भगदड़ के चलते और नेतृत्व में परिवर्तन न करने की जिद की वजह से बंगाल में उनकी उपस्थिति मीडिया और जनता दोनों की तरफ से सिरे से नजरअंदाज है। लेकिन अब भी बंगाल में वाम राजनीति की जड़ें पूरी तरह उखड़ी नहीं हैं, इसे भूलते हुए बंगाल के केसरिया हो जाने के ख्याली पकाव पकाने में अमित शाह को कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है।
यूपी और बिहार में लोकसभा चुनावों के तुरंत बाद उपचुनावों में जो संघ परिवार को मुह की खानी पड़ी, उससे छोटे राज्यों की सत्ता में काबिज होने की वजह से संघ परिवार भले गौर नहीं करें लेकिन कश्मीर घाटी में धार्मिक ध्रुवीकरण से उनको कितना नुकसान हुआ है, यह चुनाव नतीजे बतायेंगे।
बंगाल में अब भी तीस फीसद वोटर मुसलमान है। उनमें से हर किसी को विदेशी घुसपैठिया भी साबित नहीं किया जा सकता और न बंगाली हिंदू शरणार्थी सारे के सारे बाग्लादेशी हैं और ये सारे लोग वोट डालने वाले हैं। बंगाल के अनेक जिलों में, खासकर विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम वोट निर्णायक हैं।
इसी के मद्देनजर भाजपी रैली से पहले वर्धमान और कोलकाता में हुई जमीयत-उल्मा-ए-हिंद की रैलियों में उमड़ी लाखों की भीड़ ने जो खुल्ला ऐलान किया है कि इस देश के मुसलमान आतंकवादी नहीं हैं और न इस्लाम में आतंकवाद की कोई जगह है, इस पर गौर करने की जरुरत है।
बंगाल के मुसलामानों ने शपथ ली है कि वे भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक चरित्र को बनाये रखने में हरसंभव कोशिस करेंगे और भारत को हिंदू राष्ट्र बने की इजाजत नहीं देंगे, इस पर भी गौर करने की जरुरत है।
कहीं ऐसा न हो कि पंजाब, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर में फैसला होने से पहले बंगाल संघ परिवार के लिए वाटरलू हो जाये।
संघ परिवार को इसका अंदेशा नहीं है, ऐसा भी नहीं है। गौरतलब है कि शाह ने कहा कि अगर राज्य में बीजेपी को बहुमत मिलता है तो 5 साल में पश्चिम बंगाल को विकसित राज्य बना देंगे। लेकिन भाषण के दौरान नमाज शुरू होने पर अमित शाह ने कुछ देर के लिए अपना भाषण रोक दिया था। ऐसा सोची समझी रणनीति के तहत इक्के दुक्के मुसलमानों के केसरिया होते जाने की उम्मीद में किया गया है, जाहिर है। लेकिन कश्मीरी पंडितों के भरोसे जैसे कश्मीर में फिजां बदलने वाली नहीं है वैसे ही केसरिया हो जा रहे मुसलमानों और हर दल के नाराज लोगों को भाजपा में शामिल करके भाजपा 2016 में बंगाल पर कब्जा कर लेगी, यह दिवास्वप्न के अलावा कुछ भी नहीं है।
उसके बाद उन्होंने दोबारा भाषण शुरू किया और ममता को जमकर कोसा। शाह ने ममता पर चिटफंड में पकड़े गए अपने टीएमसी सांसद का बचाव करने का आरोप लगाया। शाह ने कहा कि आखिर ममता चिटफंट के दोषियों को क्यों बचा रही हैं। दीदी इस मामले में चुप क्यों हैं।
O- एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास