मात्र सत्ता का हस्तांतरण न था 15 अगस्त 1947

मधुवन दत्त चतुर्वेदी

15 अगस्त 1947 यह मात्र सत्ता का हस्तांतरण न था। यह उस विलक्षण राष्ट्रीय क्रांति की सफलता का दिन था जो लंबी चली किन्तु जिसमें विदेशी दासता से मुक्ति के साथ-साथ समाज सुधार के अभियान और सामंतवाद विरोधी जनतांत्रिक क्रांति समान रूप से आगे बढ़ रहे थे। क्रांति के साधन के तौर पर भी इसमें विविध और विलक्षण प्रयोग हुए।

यह भारतीय उपमहाद्वीप के लिए ऐसी महत्वपूर्ण परिघटना थी जिसने पहले पहल इस क्षेत्र के नागरिकों की सामान्य राजनैतिक इच्छा की अभिव्यक्ति की और भारत गणराज्य के उदय का मार्ग प्रशस्त किया। इस दिन का स्वागत कीजिये। उन संकल्पों के साथ कि हर तरह के शोषण से मुक्त समाज की स्थापना के लक्ष्य की प्राप्ति तक संघर्ष जारी रहेगा।