रूस में रह रहे भारतीय समुदाय, भारत और रूस के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं - राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी
राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि रूस में रह रहे भारतीय समुदाय, भारत और रूस के बीच आर्थिक संबंधो को बढ़ाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं -
रूस में भारत के राजदूत पी.एस. राघवन द्वारा आज मॉस्‍को में भारतीय समुदाय के लिए द्वारा आयोजित स्‍वागत समारोह में राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और रूस की मित्रता और प्रगाढ़ करने में रूस में रह रहे भारतीय समुदाय ने महत्‍वपूर्ण योगदान दिया है। दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध हमेशा गर्मजोशी भरे और दोस्‍ताना रहे हैं। इसका उदाहरण भारतीय सिनेमा, संस्‍कृति और विरासत में रूसी नागरिकों के रूचि और भारत में रूसी साहित्‍य, कला, सर्कस और विज्ञान की लोकप्रियता है।
राष्‍ट्रपति ने कहा कि पिछले 15 वर्ष में भारत के रूस के साथ संबंधों में महत्‍वपूर्ण बदलाव आया है। अक्‍टूबर 2000 में भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी पर घोषणा पत्र पर हस्‍ताक्षर के साथ ही भारत ने किसी अन्‍य देश के साथ शायद सबसे नजदीकी संस्‍थागत संबंध स्‍थापित किए हैं। तब से ये संबंध नये से नये क्षेत्रों में बढ़ रहे हैं। दोनों देशों के बहुमुखी द्विपक्षीय संबंधों को भारत आज विशिष्‍ट और विशेषाधिकार रणनीतिक साझेदारी मानता है।
राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत और रूस के बीच छह बिलियन अमरीकी डॉलर का वार्षिक व्‍यापार होता है, जो भारत के कुल 765 बिलियन डॉलर के व्‍यापार का एक प्रतिशत कम है। अप्रैल 2000 से भारत में 246 बिलियन डॉलर का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश हुआ है, जिसमें से एक बिलियन डॉलर रूस का है। दोनों देशों की अर्थव्‍यवस्‍थाओं को देखते हुए व्‍यावसायिक और निवेश आदान-प्रदान को बढ़ाने की बड़ी संभावनाएं हैं। दोनों अर्थव्‍यवस्‍थाओं के बीच सक्रियाओं और नये अवसरों का भरपूर इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए। रूस में रह रहे भारतीय समुदाय भारत और रूस के बारे में विशिष्‍ट जानकारी और पहचान के संग्राहक के रूप में दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को उच्‍च शिखर पर पहुंचाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।