वाजपेयी और मालवीय को भारत रत्न देने पर विरोध, रिहाई मंच ने बताया स्वतंत्रता आंदोलन का अपमान
वाजपेयी और मालवीय को भारत रत्न देने पर विरोध, रिहाई मंच ने बताया स्वतंत्रता आंदोलन का अपमान
सांप्रदायिक व फासिस्ट हिन्दुत्वादी नेताओं को भारत रत्न देना भारत और भारत रत्न सम्मान पर धब्बा-रामकृष्ण
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी को भारत रत्न दिए जाने पर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने खुशी जताई है वहीं वाजपेयी व मालवीय को भारत का सर्वोच्च सम्मान दिए जाने का विरोध भी प्रारंभ हो गया है। सोशल मीडिया पर लोग अटल बिहारी वाजपेयी का कारसेवकों को दिये गये संबोधन का वीडियो शेयर कर रहे हैं और देश भक्त स्वतंत्रता सेनानी लीलाधर बाजपेयी के विरुद्ध अदालत में दिए गए उनके हलफनामे को भी शेयरकर रहे हैं।
भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के खिलाफ अंग्रेजों के गवाह बने अटल बिहारी बाजपेयी व देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथू राम गोडसे के संगठन हिन्दू महासभा के संस्थापक सदस्य मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न देने पर रिहाई मंच ने अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है। मंच ने कहा है कि बाजपेयी के अदालत में दी गई गवाही से देश भक्त स्वतंत्रता सेनानी लीलाधर बाजपेयी को सजा हो गई थी। जो कि भारत छोड़ो आंदोलन के सक्रिय सदस्य थे और बटेश्वर के रहने वाले थे।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि आजादी के लिए चल रहे भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान मध्य प्रदेश के बटेश्वर में हुए आंदोलन में अटल बिहारी बाजपेयी ने अग्रेजों के सरकारी गवाह के बतौर गवाही करके स्वतंत्रता सेनानियों को सजा दिलवायी थी। ऐसे में अटल बिहारी बाजपेयी को भारत रत्न देना स्वतंत्रता के दौरान शहादत देने वाले शहीदों का अपमान है। वहीं हिन्दू महासभा के संस्थापक सदस्य मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न देना हिन्दू महासभा के नाथू राम गोडसे द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या को जायज ठहराने की भाजपा सरकार की एक देशद्रोही कोशिश है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी, जिन पर बाबरी मस्जिद को लेकर विवादित बयान और मालवीय जिनपर हिन्दू मुस्लिम समुदायों को भड़का कर सांप्रदायिक दंगो का आरोप है, को भारत रत्न देना भारत में सांप्रदायिक राजनीति को जायज ठहराने की एक फासिस्ट कोशिश है।
मोहम्मद शुऐब ने आगे कहा कि भाजपा को यह नही भूलना चाहिए कि भारत की आजादी को अभी 100 साल भी नहीं हुए हैं और यहां की जनता यह अच्छी तरह से जानती है कि जिन हिन्दुत्ववादी नेताओं का भाजपा महिमा मण्डन कर रही है, वह हिन्दू मुस्लिम एकता को तोड़कर अंग्रेजी साम्राज्यवाद का साथ दे रहे थे। ऐसी कुत्सित कोशिश को देश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।
नागरिक परिषद के नेता रामकृष्ण ने कहा कि केन्द्र में भाजपा सरकार आने के बाद जिस तरह से हिंदू महासभा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की मूर्ति संसद व अन्य जगहों पर लगवाने की कोशिश कर रही है और उसके द्वारा बताया भी गया है कि गोडसे की मूर्ति बनकर उसके कार्यालय में रखी हुई हैं ऐसे दौर में हिंदू महासभा के संस्थापक सदस्य मालवीय जैसे लोगों को भारत रत्न देना साफ कर देता है कि भाजपा देशद्रोही है। ऐसे सांप्रदायिक व फासिस्ट हिन्दुत्वादी नेताओं को भारत रत्न देना भारत और भारत रत्न सम्मान पर ही एक धब्बा होगा। स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ अंग्रेजी राज में गवाही देने वाले और नाथूराम गोडसे के साथियों को सम्मानित करना भाजपा के चाल चरित्र और चेहरे को स्पष्ट कर देता है। अच्छे दिनों के नारे का सार यही है।


