शाजिया इल्मी को दो नेक सलाहें.

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ना शाजिया ..ना ! ना प्यारी बच्ची।

ऐसा नहीं कहते कि मैं अब आजीवन इसी दल मे रहूँगी। अभी तुम तो कल ही इस दल में शामिल हुई हो. पता नहीं कल-परसों ही तुम्हारा मोहभंग हो या अन्य दल से तुम्हे मोह हो जाये, या दल ही तुम्हे मक्खी की तरह बाहर कर दे। सुनते हैं 'बिगबास' नाराज हैं। बाहर भी लोग बड़े ज़ालिम हैं। लिखेंगे-थूक कर चाट लिया/तुम्हारे सारे ट्विट रीट्विट होंगे/बस चुप रहो।

वैसे दूसरी नेक सलाह है कि मेरी पहली सलाह पर बिलकुल ध्यान मत देना। बेशर्मी का लबादा ओड़े रखो,कहीं भी बाल बाँका नहीं होगा।

बाहर देखो कितनी ठंड है। जया प्रदा अमरसिंह अंदर आने के लिये क़तार में लबादा ओड़े खड़े हैं।

जसबीर चावला

https://twitter.com/Rajput_Ramesh/status/555328217188663296