हाय ! 25 कुंतल फूलों का क्या गुनाह, बहराइच में खाली कुर्सियां देख बैरंग लौटे मोदी
हाय ! 25 कुंतल फूलों का क्या गुनाह, बहराइच में खाली कुर्सियां देख बैरंग लौटे मोदी
हाय ! 25 कुंतल फूलों का क्या गुनाह, बहराइच में खाली कुर्सियां देख बैरंग लौटे मोदी
रणधीर सिंह सुमन
बहराइच में प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर मोदी के मंच को सजाने के लिए कलकत्ता, दिल्ली, लखनऊ के साथ थाईलैंड से 25 कुंतल फूल मंगाए गए थे। साज-सज्जा की गयी, जनता के उत्पात के दर से सारी व्यवस्था धरी की धरी रह गयी।
वहीँ, बहराइच के छावनी चौराहे पर जनता ने उनका पुतला जलाया और उनके खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी हुई। जिसकी सूचना प्रधानमंत्री के स्टाफ तक हुई और उसके बाद नोटबंदी के इस असर के कारण बहराइच रैली का प्रोग्राम रद्द कर देना पड़ा।
वैसे बहराइच में मोदी की सुरक्षा के लिए दूसरे जिलों से 12 एसपी बुलाये गए थे।
इसके अलावा 15 एएसपी 44 सीओ, 62 इंस्पेक्टर, 8 कंपनी पीएसी, 8 कंपनी आरएएफ और सीआरपीएफ की तैनाती की गयी थी। 3 हजार कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल की ड्यूटी लगायी गयी थी।
मंच स्थल पर हवा में हवाई जहाजों द्वारा निगरानी कि विशेष व्यवस्था की गयी थी।
रैली शुरू होने के 30 मिनट पहले तक रैली स्थल के काफी हिस्से की कुर्सियां खाली पड़ी रही।
जब पीएम मोदी का हेलीकाप्टर रैली स्थल पर पहुंचा तो खाली पड़ी कुर्सियां देख पीएम ने वापिस जाने का फैसला किया।
बाद में उत्तर प्रदेश में गुंडाराज और भ्रष्टाचार को लेकर मोबाइल फ़ोन से भाषण रैली स्थल पर प्रसारित किया गया।
भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में यूपी में नेशनल हाईवे बना रही एक बड़ी कंपनी ने पुलिस से लिखित शिकायत की है कि बहराइच की भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले उनसे कमीशन मांग रही हैं और उसी सांसद की देख-रेख में मोदी साहब का भाषण होना था।
गुंडाराज और भ्रष्टाचार पर जब मोदी कोई बात कहते हैं तो बेशर्मी को भी शर्म आ जाती है
गुंडा राज के सम्बन्ध में सबसे बढ़िया जवाब मोदी पुलिस द्वारा संरक्षित दिल्ली के रोहिणी में एसएसआई और उसकी महिला दोस्त की हत्या की गई।
वहीँ मोदी पुलिस जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के नजीब का आज तक पता नहीं लगा सकी है, लेकिन उत्तर प्रदेश में गुंडाराज और भ्रष्टाचार के सवाल के ऊपर जब वह कोई बात कहते हैं तो बेशर्मी को भी शर्म आ जाती है।
मोदी लोकसभा में बोलने में असमर्थ हैं।
बहराइच की जनसभा खराब मौसम का बहाना लेकर टाल दिया, जबकि सड़क मार्ग पर प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ से बहराइच तक सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी।
नोट बंदी या अलीबाबा कंपनी अर्थात चीनी व्यापारी जैक मा के पेटीएम को लाभ देने के लिए देश के कमजोर मजदूर किसान को मार डालने की उनकी खूबसूरत योजना के दुष्परिणामों से जनता में उनकी कोई छवि नहीं बची है।
मोदी की छवि झूठों के सौदागर या पहले नाटक और नौटंकी में जोकर होते थे। जो तरह-तरह के करतब दिखाकर लोगों को हंसाने वा रुलाने का काम करते थे, की तरह है।
नब्बे प्रतिशत एटीएम खाली हैं। जनता के पास रुपये नहीं हैं। दो हजार रुपये के लिए आठ घंटे लाइन में लगना पड़ता है। किसानों की उपज का कोई मूल्य नहीं रह गया है।
गोभी, टमाटर, आलू फेंके जा रहे हैं। धान की कोई कीमत नहीं है।
काले धन से हो रही हैं मोदी की जनसभाएं
काला धन और भ्रष्टाचार की बड़ी-बड़ी डींगे हांकने वाले नरेन्द्र दामोदर मोदी की ये जनसभाएं उसी काले धन से हो रही हैं। भाड़े पर जनता को लाया जा रहा है। नई करेंसी जनता को नहीं मिलती है और उनकी रैलियों में करोड़ों रुपये की नई करेंसी कहाँ से इस्तेमाल हो रही है।
सरकार का करोड़ों रुपये मोदी की जनसभाओं पर खर्च किया जा रहा है।
विकास की बजाये देश विनाश कि तरफ बढ़ रहा है। विश्व बैंक की रेटिंग के अनुसार भारत अब विकासशील देश अब नहीं रहा है। उसकी स्थिति अब पकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका व बांग्लादेश के बराबर हो गयी है।
शाखा मृग के हाथ में उस्तरा है। हम और आप दिवालिया होने तक विकास कर सकते हैं।
यह संघ की विकास की धार है। अंग्रेजों की गुलामी, फिर अमेरिका की गुलामी और अब अलीबाबा की गुलामी की तरफ बढ़ रहे हैं हम लोग।


