देश दुनिया की लाइव खबरें 01 अक्टूबर 2025 | Aaj Tak Live

दिन भर की खबरें 01 अक्टूबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें। यहां भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, विज्ञान-तकनीक, मौसम अपडेट और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी हर ताज़ा व बड़ी खबर तुरंत पाएँ। इस पेज पर दिन भर की खबरें अपडेट होंगीं..;

By :  Hastakshep
Update: 2025-10-01 00:20 GMT

Live news of the country and the world 01 October 2025 | Aaj Tak Live

Aaj Tak Breaking News 01 October 2025

दिन भर की खबरें 01 अक्टूबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें। यहां भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, विज्ञान-तकनीक, मौसम अपडेट और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी हर ताज़ा व बड़ी खबर तुरंत पाएँ। इस पेज पर दिन भर की खबरें अपडेट होंगीं..

30 सितंबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें

करूर में विजय की रैली:एनडीए की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

बीजेपी सांसद हेमा मालिनी के नेतृत्व वाली एनडीए की तथ्य-जांच टीम ने करूर में विजय की रैली में हुई भगदड़ की घटना की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। इस घटना में 41 लोगों की मौत हुई थी और टीम ने इस घटना को एक साजिश करार दिया है।

योगेंद्र यादव ने बिहार में एसआईआर की फाइनल लिस्ट पर उठाए सवाल

सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने बिहार में एसआईआर की फाइनल लिस्ट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा-

"बिहार में फाइनल वोटर लिस्ट के बारे में चुनाव आयोग से सवाल :

चुनाव आयोग के अनुसार, 1 सितंबर तक फॉर्म-6 के 16.93 लाख नए आवेदन मिले थे। (और इसके बाद के किसी भी दावे को फाइनल लिस्ट में शामिल नहीं किया जाना था)

लेकिन आज के आंकड़ों के अनुसार, चुनाव आयोग ने 21.53 लाख वोटर जोड़े हैं।

तो सवाल यह है : 1 सितंबर के बाद फाइनल लिस्ट में कम से कम 4.6 लाख नए वोटर कैसे जोड़े गए?"

WHO को वैक्सीन के बारे में साक्ष्य-आधारित सिफारिशें कहां से मिलती हैं?

क्या आप जानते हैं कि 1999 से, वैश्विक विशेषज्ञों का एक स्वतंत्र समूह, जिसे स्ट्रेटेजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स ऑन इम्यूनाइजेशन (SAGE) कहा जाता है, WHO को वैक्सीन के बारे में साक्ष्य-आधारित सिफारिशें दे रहा है?

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Live Updates
2025-10-01 15:57 GMT

भारत और EFTA के बीच व्यापार समझौता लागू: केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि भारत और चार यूरोपीय देशों के समूह (EFTA) के बीच मुक्त व्यापार समझौता लागू हो गया है।

उन्होंने कहा कि इस समझौते से व्यापार, निवेश और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, जिससे लोगों और व्यवसायों को फायदा होगा।

गोयल ने एक्स पर लिखा-

"भारत-EFTA व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (TEPA), जो आज से लागू हो गया है, 100 बिलियन डॉलर के निवेश और 10 लाख नई नौकरियों के अवसर के साथ 'मेक इन इंडिया' को और मजबूत करेगा।

यह आईटी, बिजनेस, शिक्षा और ऑडियो-विजुअल क्षेत्र में भारत के सेवा निर्यात को भी बढ़ावा देगा, जिससे युवाओं के लिए नए अवसर पैदा होंगे।

TEPA मशीनरी, कपड़ा, समुद्री उत्पाद, कॉफी आदि के हमारे निर्यात को और मजबूत करेगा, जिससे प्रीमियम यूरोपीय बाजारों तक बेहतर पहुंच मिलेगी।

नर्सिंग, अकाउंटिंग और आर्किटेक्चर में आपसी मान्यता समझौते भारतीय पेशेवरों को और सशक्त बनाएंगे और उनकी आवाजाही को आसान बनाएंगे।"

2025-10-01 13:29 GMT

भाजपा बंदूक की नोंक पर लोगों को राष्ट्रगान के लिए खड़े होने पर मजबूर कर रही है: महबूबा मुफ़्ती

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने भाजपा पर कश्मीरियों को "बंदूक की नोक पर" राष्ट्रगान के लिए खड़े होने पर मजबूर करने का आरोप लगाया और हाल ही में पुलिस द्वारा की गई हिरासत को सरकार की विफलता बताया। उन्होंने इसकी तुलना पहले स्वैच्छिक सम्मान से की। मुफ़्ती ने अधिकारियों से श्रीनगर के सार्वजनिक खेल मैदानों को संरक्षित करने की भी अपील की और चेतावनी दी कि उनका धर्म परिवर्तन युवाओं को गुमराह कर सकता है और दुर्भावना को बढ़ावा दे सकता है।

कुछ चित्र पोस्ट करते हुए महबूबा ने एक्स पर लिखा-

"आज मैं चट्टबाल में टैबेला ग्राउंड और बाग़ात बरज़ुल्ला में MET ग्राउंड गई। स्थानीय निवासियों, खासकर युवाओं में यह चिंता बढ़ रही है कि खेल और मनोरंजन गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होने वाले ये ज़रूरी खुले मैदान सेना या पुलिस के कब्ज़े में न चले जाएं। इससे उन्हें स्वस्थ गतिविधियों और समुदाय के साथ बातचीत के लिए उपलब्ध कुछ ही सार्वजनिक जगहों में से एक जगह से वंचित होना पड़ेगा।

मैं सेना और पुलिस अधिकारियों से इस तरह के किसी भी कदम पर दोबारा विचार करने का आग्रह करती हूं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जेनरेशन Z को हाशिए पर न धकेला जाए, ऐसा करने से लंबे समय में गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इन जगहों को आम लोगों के इस्तेमाल के लिए बचाना सिर्फ़ ज़मीन का मामला नहीं है, बल्कि यह हमारे युवाओं की उम्मीद, अवसर और जुड़ाव की भावना की रक्षा करने का भी मामला है।"

2025-10-01 13:23 GMT

प्रमुख समाचार

‘अगर घर पर काम होता तो हम क्यों जाते?’: चेन्नई की निर्माण साइट पर मारे गए 9 लोग बेहतर जीवन के लिए असम से आए थे

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पूजा खेड़कर मामले के बाद, यूपीएससी धोखाधड़ी और दुरुपयोग रोकने के लिए उम्मीदवारों के प्रमाणपत्रों को डिजीलॉकर से सत्यापित करेगा: चेयरमैन

पीएम मोदी ने आरएसएस की शताब्दी के मौके पर इसकी सराहना की, कहा कि इसने भारत के सामने चुनौतियों की पहचान की: ‘हमारी एकता को तोड़ने की साजिशें…’

बिजली गिरने और गर्मी से 2023 में 6,444 लोगों की मौत: एनसीआरबी रिपोर्ट

2025-10-01 02:11 GMT

जुबिन गर्ग की मौत पर उठे सवाल, मुख्यमंत्री परिवार का नाम आने से गरमाई सियासत

असम की राजनीति में तूफ़ान खड़ा हो गया है। कांग्रेस प्रवक्ता विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) अनुपमा आचार्य ने सोशल मीडिया एक्स पर दावा किया है कि मशहूर गायक जुबिन गर्ग की संदिग्ध मौत महज़ हादसा नहीं, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय घोटालों से जुड़ी गहरी साज़िश का नतीजा हो सकती है। आचार्य ने लिखा कि जुबिन के करीबी अंकुर हजारिका ने थाने में दर्ज कराई शिकायत में मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा शर्मा की पत्नी रिंकी भुवन शर्मा और अर्नब गोस्वामी जैसे नाम तक शामिल कर दिए हैं।

इस सनसनीखेज़ आरोप ने असम में पहले से ही असंतोष का सामना कर रही बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। विपक्ष सवाल उठा रहा है — क्या जुबिन गर्ग की मौत सत्ता और पैसे के खेल की बलि थी? जनता का गुस्सा अब इस सवाल पर ठहर गया है: जुबिन के गुनहगार कौन और सच्चाई कब सामने आएगी?

कांग्रेस प्रवक्ता Wg Cdr Anuma Acharya (Retd) ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा-

"जुबिन गर्ग की संदिग्ध मौत ने असम की राजनीति की चूलें हिला दी हैं. उनके करीबी अंकुर हजारिका ने थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा शर्मा की पत्नी रिंकी भुवन शर्मा और अर्नब गोस्वामी तक के नाम ले डाले हैं.

आरोप है कि जुबिन की मौत मनी लॉन्ड्रिंग और गहरे वित्तीय घोटालों की साजिश का नतीजा है. सिंगापुर में हुई उनकी संदिग्ध मौत पर पहले से सवाल थे, लेकिन अब मुख्यमंत्री परिवार का नाम आते ही मामला विस्फोटक हो चुका है.

बोडोलैंड चुनावों में करारी हार झेल चुकी BJP पर अब यह नया आरोप जनता के गुस्से की आग को और भड़का रहा है. क्या असम की सरकार सच छिपाने में लगी है?

विपक्ष पूछ रहा है कि क्या जुबिन गर्ग की मौत केवल एक हादसा नहीं, बल्कि सत्ता और पैसे के खेल की कीमत थी? ज़ुबिन को बहुत प्यार करने वाली असम की जनता का अब सिर्फ़ ये ही सवाल है:

जुबिन के गुनहगार कौन?

और सच्चाई कब सामने आएगी?"

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