Live news of the country and the world 21 November 2025 | Aaj Tak Live Aaj Tak Breaking News 21 November 2025 दिन भर की खबरें 21 नवंबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें। यहां भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, विज्ञान-तकनीक, मौसम अपडेट और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी हर ताज़ा व बड़ी खबर तुरंत पाएँ। इस पेज पर दिन भर की खबरें अपडेट होंगीं... 20 नवंबर की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें आर्टिकल 200–201 पर सुप्रीम कोर्ट की ऐतिहासिक राय: राज्यपाल और राष्ट्रपति की शक्तियों, समयसीमा और जवाबदेही को लेकर बड़ा स्पष्टीकरण सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर संविधान के आर्टिकल 200 और 201 से जुड़े 14 सवालों पर अपनी ऐतिहासिक राय दे दी है। पांच जजों की संविधान पीठ ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल और राष्ट्रपति के लिए न्यायालय किसी तरह की समयसीमा तय नहीं कर सकता, हालांकि विधेयकों पर अनिश्चित देरी भी संविधान की भावना के विपरीत है। तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल के बीच चले विवाद से शुरू हुआ यह मामला तब आगे बढ़ा, जब अप्रैल 2025 के सुप्रीम कोर्ट फैसले में पहली बार गवर्नर और राष्ट्रपति के लिए समय-सीमाएँ सुझाई गई थीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अनुच्छेद 143 के तहत इसी पर स्पष्टता के लिए रेफरेंस भेजा था। फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा कि गवर्नर के पास तीन संवैधानिक विकल्प हैं—मंजूरी देना, बिल को राष्ट्रपति के लिए आरक्षित करना या फिर पुनर्विचार के लिए विधानसभा को लौटाना। ये सभी निर्णय पूरी तरह न्यायसंगत समीक्षा के दायरे में नहीं आते, लेकिन लंबे समय तक बिना कारण देरी होने पर अदालत सीमित हस्तक्षेप कर सकती है। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि न तो राष्ट्रपति और न ही राज्यपाल के लिए ज्यूडिशियल टाइमलाइन तय की जा सकती है, और न ही आर्टिकल 142 के तहत उनकी शक्तियों में कोई बदलाव संभव है। पीठ ने यह भी कहा कि गवर्नर द्वारा बिल राष्ट्रपति के लिए भेजे जाने पर राष्ट्रपति को अनुच्छेद 143 के तहत सलाह नहीं लेनी चाहिए। राज्यपाल की मंजूरी के निर्णय को अदालत बदल नहीं सकती। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने घोषणा की कि यह राय सर्वसम्मति से दी गई है। नीतीश कुमार 10वीं बार बने बिहार के मुख्यमंत्री, गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने दिलाई शपथ नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बन गए हैं। गुरुवार को पटना के गांधी मैदान में आयोजित समारोह में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित रहे। राष्ट्रगान के साथ गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का आदेश पढ़ा। बिहार के राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 164 (1) के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। इसके साथ, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सलाह से मंत्रिमंडल के सदस्यों की नियुक्ति की है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंच पर मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जाकर मिले। मुख्यमंत्री के बाद उपमुख्यमंत्री के रूप में सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को शपथ दिलाई गई। ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर, एसआईआर रोकने की अपील की गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को एक पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को तुरंत रोकने की मांग की है। एसआईआर को 'खतरनाक, बिना प्लान वाला और अमानवीय' बताते हुए पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा कि तीन महीने में जो काम पहले तीन साल में होता था, उसे जबरदस्ती थोपने से पूरा सिस्टम चरमरा गया है। बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) पर इतना बोझ डाला जा रहा है कि वे इंसानी हद से ज्यादा काम कर रहे हैं। ट्रेनिंग नहीं दी गई, सर्वर बार-बार फेल हो रहा है, ऑनलाइन फॉर्म भरने में दिक्कत है और टाइमलाइन नामुमकिन है। उन्होंने सबसे दुखद उदाहरण दिया कि जलपाईगुड़ी के माल इलाके में एक आंगनवाड़ी वर्कर ने एसआईआर के भारी दबाव में आत्महत्या कर ली। इसके बाद से कई और लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कागजी काम नहीं, लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ है। ममता ने कहा कि अभी बंगाल में धान की कटाई और आलू की बुआई का पीक सीजन चल रहा है। लाखों किसान-मजदूर खेतों में लगे हैं। वे घर बैठकर फॉर्म कैसे भरें? ऊपर से बीएलओ को धमकियां मिल रही हैं, कारण बताओ नोटिस थमा दिए जा रहे हैं। पत्र में ममता बनर्जी ने साफ कहा कि यह प्रक्रिया हमारी लोकतंत्र की नींव को हिला रही है। गलत या अधूरी एंट्री के डर से लाखों असली वोटरों का नाम कट सकता है। बीएलओ और आम लोगों पर जो दबाव डाला जा रहा है, वह बर्दाश्त से बाहर है। अंत में मुख्यमंत्री ने अपील की है कि तुरंत यह प्रक्रिया रोकी जाए, सही ट्रेनिंग और सपोर्ट दिया जाए, टाइमलाइन बढ़ाई जाए और पूरी प्रक्रिया की फिर से समीक्षा की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अभी नहीं सुधारा गया तो नतीजे बहुत भयानक होंगे और लोकतंत्र की साख को ठेस पहुंचेगी। राज्य में पहले से ही इस रिवीजन को लेकर तनाव है। कई जगह लोग विरोध कर रहे हैं। उमर खालिद मामले में सुनवाई दिल्ली दंगों की कथित साज़िश से जुड़े UAPA मामले में आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य की ज़मानत पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। केंद्र की ओर से पेश एएसजी के.एम. राजू ने विस्तृत बहस रखते हुए कहा कि आरोपी देरी का लाभ नहीं उठा सकते, क्योंकि ज़्यादातर स्थगन स्वयं उनकी ओर से मांगे गए। उन्होंने ट्रायल कोर्ट की नाराज़गी का हवाला...
Live news of the country and the world 21 November 2025 | Aaj Tak Live Aaj Tak Breaking News 21 November 2025 दिन भर की खबरें 21 नवंबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें। यहां भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, विज्ञान-तकनीक, मौसम अपडेट और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी हर ताज़ा व बड़ी खबर तुरंत पाएँ। इस पेज पर दिन भर की खबरें अपडेट होंगीं... 20 नवंबर की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें आर्टिकल 200–201 पर सुप्रीम कोर्ट की ऐतिहासिक राय: राज्यपाल और राष्ट्रपति की शक्तियों, समयसीमा और जवाबदेही को लेकर बड़ा स्पष्टीकरण सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर संविधान के आर्टिकल 200 और 201 से जुड़े 14 सवालों पर अपनी ऐतिहासिक राय दे दी है। पांच जजों की संविधान पीठ ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल और राष्ट्रपति के लिए न्यायालय किसी तरह की समयसीमा तय नहीं कर सकता, हालांकि विधेयकों पर अनिश्चित देरी भी संविधान की भावना के विपरीत है। तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल के बीच चले विवाद से शुरू हुआ यह मामला तब आगे बढ़ा, जब अप्रैल 2025 के सुप्रीम कोर्ट फैसले में पहली बार गवर्नर और राष्ट्रपति के लिए समय-सीमाएँ सुझाई गई थीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अनुच्छेद 143 के तहत इसी पर स्पष्टता के लिए रेफरेंस भेजा था। फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा कि गवर्नर के पास तीन संवैधानिक विकल्प हैं—मंजूरी देना, बिल को राष्ट्रपति के लिए आरक्षित करना या फिर पुनर्विचार के लिए विधानसभा को लौटाना। ये सभी निर्णय पूरी तरह न्यायसंगत समीक्षा के दायरे में नहीं आते, लेकिन लंबे समय तक बिना कारण देरी होने पर अदालत सीमित हस्तक्षेप कर सकती है। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि न तो राष्ट्रपति और न ही राज्यपाल के लिए ज्यूडिशियल टाइमलाइन तय की जा सकती है, और न ही आर्टिकल 142 के तहत उनकी शक्तियों में कोई बदलाव संभव है। पीठ ने यह भी कहा कि गवर्नर द्वारा बिल राष्ट्रपति के लिए भेजे जाने पर राष्ट्रपति को अनुच्छेद 143 के तहत सलाह नहीं लेनी चाहिए। राज्यपाल की मंजूरी के निर्णय को अदालत बदल नहीं सकती। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने घोषणा की कि यह राय सर्वसम्मति से दी गई है। नीतीश कुमार 10वीं बार बने बिहार के मुख्यमंत्री, गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने दिलाई शपथ नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बन गए हैं। गुरुवार को पटना के गांधी मैदान में आयोजित समारोह में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित रहे। राष्ट्रगान के साथ गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का आदेश पढ़ा। बिहार के राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 164 (1) के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। इसके साथ, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सलाह से मंत्रिमंडल के सदस्यों की नियुक्ति की है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंच पर मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जाकर मिले। मुख्यमंत्री के बाद उपमुख्यमंत्री के रूप में सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को शपथ दिलाई गई। ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर, एसआईआर रोकने की अपील की गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को एक पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को तुरंत रोकने की मांग की है। एसआईआर को 'खतरनाक, बिना प्लान वाला और अमानवीय' बताते हुए पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा कि तीन महीने में जो काम पहले तीन साल में होता था, उसे जबरदस्ती थोपने से पूरा सिस्टम चरमरा गया है। बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) पर इतना बोझ डाला जा रहा है कि वे इंसानी हद से ज्यादा काम कर रहे हैं। ट्रेनिंग नहीं दी गई, सर्वर बार-बार फेल हो रहा है, ऑनलाइन फॉर्म भरने में दिक्कत है और टाइमलाइन नामुमकिन है। उन्होंने सबसे दुखद उदाहरण दिया कि जलपाईगुड़ी के माल इलाके में एक आंगनवाड़ी वर्कर ने एसआईआर के भारी दबाव में आत्महत्या कर ली। इसके बाद से कई और लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कागजी काम नहीं, लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ है। ममता ने कहा कि अभी बंगाल में धान की कटाई और आलू की बुआई का पीक सीजन चल रहा है। लाखों किसान-मजदूर खेतों में लगे हैं। वे घर बैठकर फॉर्म कैसे भरें? ऊपर से बीएलओ को धमकियां मिल रही हैं, कारण बताओ नोटिस थमा दिए जा रहे हैं। पत्र में ममता बनर्जी ने साफ कहा कि यह प्रक्रिया हमारी लोकतंत्र की नींव को हिला रही है। गलत या अधूरी एंट्री के डर से लाखों असली वोटरों का नाम कट सकता है। बीएलओ और आम लोगों पर जो दबाव डाला जा रहा है, वह बर्दाश्त से बाहर है। अंत में मुख्यमंत्री ने अपील की है कि तुरंत यह प्रक्रिया रोकी जाए, सही ट्रेनिंग और सपोर्ट दिया जाए, टाइमलाइन बढ़ाई जाए और पूरी प्रक्रिया की फिर से समीक्षा की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अभी नहीं सुधारा गया तो नतीजे बहुत भयानक होंगे और लोकतंत्र की साख को ठेस पहुंचेगी। राज्य में पहले से ही इस रिवीजन को लेकर तनाव है। कई जगह लोग विरोध कर रहे हैं। उमर खालिद मामले में सुनवाई दिल्ली दंगों की कथित साज़िश से जुड़े UAPA मामले में आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य की ज़मानत पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। केंद्र की ओर से पेश एएसजी के.एम. राजू ने विस्तृत बहस रखते हुए कहा कि आरोपी देरी का लाभ नहीं उठा सकते, क्योंकि ज़्यादातर स्थगन स्वयं उनकी ओर से मांगे गए। उन्होंने ट्रायल कोर्ट की नाराज़गी का हवाला...