देश दुनिया की लाइव खबरें 11 सितंबर 2025 | Aaj Tak Live
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देश दुनिया की लाइव खबरें
Live news of the country and the world 11 September 2025
Aaj Tak Breaking News 11 September 2025
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10 सितंबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें
मोदी ने कतर में हमास के ठिकानों पर इज़राइली हमले पर चिंता व्यक्त की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर में हमास के ठिकानों पर इज़राइली हमले पर चिंता व्यक्त की है।
मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा -
"मैंने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से बात की और दोहा में हुए हमलों पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की। भारत, कतर जैसे मित्र देश की संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा करता है। हम बातचीत और कूटनीति के माध्यम से मुद्दों का समाधान करने और स्थिति को और खराब होने से रोकने के पक्ष में हैं। भारत इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के साथ-साथ आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ मजबूती से खड़ा है।"
National Forest Martyrs Day
भारत में आज National Forest Martyrs Day मनाया जा रहा है। यह दिन 1730 में खेजरली (राजस्थान) में अमृता देवी और उनके साथियों की याद में मनाया जाता है, जो जाकर पेड़ों की कटाई रोकने के लिए अपनी जान न्योछावर कर बैठे थे।
राष्ट्रीय वन शहीद दिवस हर साल 11 सितंबर को भारत में मनाया जाता है। इस दिन वनकर्मियों और वन तथा वन्यजीवों की रक्षा करते हुए जान गंवाने वाले अन्य लोगों के बलिदान को याद किया जाता है।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इन बलिदानों को मान्यता देने के लिए 2013 में इस दिन को आधिकारिक रूप से मान्यता दी थी। यह दिन 1730 के खेजड़ली हत्याकांड से जुड़ा है, जिसमें खेजड़ी के पेड़ों की रक्षा करते हुए अमृता देवी समेत 363 लोग शहीद हो गए थे।
9/11 Remembrance Day / Patriot Day
संयुक्त राज्य अमेरिका में, 2001 में 11 सितंबर के आतंकवादी हमलों में मारे गए पीड़ितों की याद में प्रत्येक वर्ष 11 सितंबर को पैट्रियट दिवस मनाया जाता है।
फ़्रांसीसी गणराज्य के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा है कि वह रूस की बढ़ती धमकियों के आगे नहीं झुकेंगे
मैक्रॉन ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा -
"पोलैंड में रूसी ड्रोन घुसपैठ के बाद, मैंने पोलिश हवाई क्षेत्र और यूरोप के पूर्वी हिस्से की सुरक्षा में मदद के लिए अपने नाटो सहयोगियों के साथ तीन राफेल लड़ाकू विमानों को तैनात करने का फैसला किया है।
मैंने कल पोलिश प्रधानमंत्री से यह वादा किया।
मैंने इस विषय पर नाटो महासचिव और ब्रिटिश प्रधानमंत्री से भी बात की, जो पूर्वी हिस्से की सुरक्षा में भी शामिल हैं।
यूरोपीय महाद्वीप की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
हम रूस की बढ़ती धमकियों के आगे नहीं झुकेंगे।"
Suite aux incursions de drones russes en Pologne, j’ai décidé de mobiliser trois chasseurs Rafale pour contribuer à la protection de l’espace aérien polonais et du Flanc Est de l’Europe avec nos alliés de l’OTAN.Je m’y étais engagé hier auprès du Premier ministre polonais.…— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) September 11, 2025
इस वक्त की हेडलाइन्स
राहुल गांधी बोले पूरे देश में 'वोट चोर, गद्दी छोड़' का नारा आग की तरह फ़ैल रहा है
अस्पताल से डिस्चार्ज हुए पंजाब के सीएम मान: स्वास्थ्य में सुधार, पहुंचे सरकारी आवास , छह दिन से फोर्टिस अस्पताल में थे भर्ती
राजस्थान में सियासी बवाल, विधानसभा में जासूसी कैमरे लगे होने का आरोप? नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जांच की मांग
दिल्ली की एक अदालत ने सोनिया गांधी पर FIR दर्ज करने की याचिका की खारिज, नागरिकता से पहले वोटर बनने का था आरोप
अरुणाचल प्रदेश और कर्नाटक में मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान, IMD ने जारी किया येलो और ऑरेंज अलर्ट
केरल में गंभीर रूप लेता जा रहा है 'ब्रेन ईटिंग अमीबा' रोग, छह लोगों की अब तक जा चुकी है जान
श्राद्ध करना आसान है, लेकिन ब्राह्मण को दान देना मुश्किल- बाबुराम भट्टराई
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री (2011-2013)। नेपाल सोशलिस्ट पार्टी (नया शक्ति) के अध्यक्ष; बाबुराम भट्टराई ने जेन जी, युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए चेताया है कि देश एक भयानक अंधेरी सुरंग (ब्लैक होल) में फंस सकता है!
बाबुराम भट्टराई ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा-
"जेन जी, युवाओं का आंदोलन शांतिपूर्ण समाधान की ओर बढ़ रहा है, यह खुशी की बात है! हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं!
लेकिन, हमारी कहावत है कि 'श्राद्ध करना आसान है, लेकिन ब्राह्मण को दान देना मुश्किल'। इसी तरह, चुनौतियाँ अभी भी बाकी हैं या कहें कि वे अभी शुरू हुई हैं। इसलिए, समझदारी और धैर्य से आगे बढ़ना ज़रूरी है।
१. कुछ स्वघोषित बुद्धिजीवी, दुर्भावना वाले तत्व या कम समझ वाले लोग यह कह रहे हैं कि देश संविधानहीन, राज्यहीन 'शून्य' स्थिति में पहुँच गया है, लेकिन ऐसा नहीं है और होना भी नहीं चाहिए। सरकार ने इस्तीफा दे दिया हो, लेकिन लोकतंत्र के बुनियादी अंग - संविधान, संसद, राष्ट्राध्यक्ष (राष्ट्रपति/उपराष्ट्रपति), राज्य के स्थायी अंग यथावत हैं। नए नेपाल के नेता जेन जी को इन्हीं के आधार पर आगे बढ़ना चाहिए। नहीं तो, नीचे का उठाने की कोशिश में ऊपर का भी हाथ से निकल सकता है।
पुराने की रक्षा करते हुए नया बनाना ही इतिहास का नियम है। हमें इस समय देश की स्वतंत्रता/संप्रभुता/भू-क्षेत्रीय अखंडता और जनता में निहित संप्रभुता और राजकीय सत्ता की रक्षा करनी है। जिसे ऐतिहासिक आंदोलनों के बल पर निर्वाचित संविधान सभा द्वारा बनाए गए संविधान के अनुच्छेद २७४ (१) ने असंशोधनीय घोषित किया है। (यहाँ संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद देखें)
२. अभी सबसे ज़रूरी मुद्दा आंदोलन में उठाई गई मांगों को पूरा करना और जल्द से जल्द नए आम चुनाव के लिए आंदोलनकारियों की सिफारिश और भागीदारी से अंतरिम सरकार बनाना है। यह मौजूदा संविधान के आधार पर ही करना चाहिए। अन्यथा बड़ी मुसीबत हो सकती है। इसके लिए सबसे पहले, आंदोलनकारियों के आधिकारिक प्रतिनिधियों और वर्तमान में देश के सर्वोच्च प्रतिनिधि/संरक्षक राष्ट्रपति के बीच सार्थक संवाद/वार्ता करके राजनीतिक सहमति बनानी चाहिए। अन्य संस्था/व्यक्ति इसमें मदद कर सकते हैं, लेकिन वर्तमान विशेष परिस्थिति में यह काम राष्ट्रपति स्तर पर ही होना चाहिए।
दूसरी बात, उपरोक्त सहमति के बाद, खासकर आम चुनाव कराने और संसद के बाहर के व्यक्ति के नेतृत्व में सरकार बनाने का प्रावधान वर्तमान संविधान में नहीं है, तो क्या करें? इसके लिए, चूंकि संसद अभी भी है, इसलिए एक दिन के लिए संसद बुलाकर आवश्यक संवैधानिक व्यवस्था की जा सकती है और करनी भी चाहिए। इसलिए, नई उभरती पार्टियाँ अभी आवेग में आकर संसद से इस्तीफा न दें, बल्कि वहीं रहकर अपनी भूमिका निभाएं और संसद में मौजूद सभी पार्टियाँ इस संकट की घड़ी में ज़िम्मेदार सहयोगी बनें।
इस पर सभी पक्षों का ध्यान गंभीरता से होना चाहिए। नहीं तो देश एक भयानक अंधेरी सुरंग (ब्लैक होल) में फंस सकता है!"
गौरव गोगोई का हिमंत बिस्वा शर्मा पर पलटवार
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शरमा पर पलटवार करते हुए कहा है, "वह (असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा) सोचते हैं कि असम के लोग इतने भोले हैं कि उनके बेबुनियाद आरोपों पर यकीन कर लेंगे। उन्हें असम के लोगों की समझ और बुद्धिमत्ता की कोई इज्जत नहीं है। असम के लोग जानते हैं कि उन्होंने अपनी सरकार के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सिर्फ झूठी कहानी बनाई है और कैसे उन्होंने असम के मुख्यमंत्री पद का इस्तेमाल अपने परिवार को अमीर बनाने और अवैध संपत्ति इकट्ठा करने के लिए किया। असम के लोगों ने तय कर लिया है कि हिमंत बिस्वा शर्मा कुछ भी कहें, बदलाव की एक बड़ी लहर आएगी और एक नई सरकार सत्ता में आएगी। एक ऐसी सरकार जो गरीबों के स्वास्थ्य और शिक्षा, आम लोगों को रोजगार और स्थानीय उद्योगों व कारीगरों के हितों के लिए काम करेगी..."
नेतन्याहू की कतर को खुली धमकी
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कतर को खुली धमकी देते हुए कहा है कि "मैं कतर और आतंकवादियों को शरण देने वाले सभी देशों से कहता हूं कि या तो आप उन्हें देश से निकाल दें या उन्हें न्याय के लिए पेश करें। क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो हम करेंगे।" दूसरी तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर पर हमले की कड़ी निंदा की है।
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का खुला पत्र : Gen Z आंदोलन, भारत पर आरोप और संविधान बचाने की अपील
ओली ने Gen Z आंदोलन को बताया गहरी साज़िश
“भारत के सामने झुकता तो सत्ता बची रहती” : ओली
नया नक्शा संयुक्त राष्ट्र भेजने पर पद से हटाए जाने का दावा
भारत पर तीखी टिप्पणियाँ और राम जन्मभूमि पर विवादित बयान
ओली का Gen Z युवाओं से आह्वान : संविधान और व्यवस्था को बचाओ
शिवपुरी बैरक से जारी हुआ पत्र, प्रेस चौतारी नेपाल के अध्यक्ष ने साझा किया
शांति की राजनीति और 2051 के गृहमंत्री कार्यकाल का उल्लेख
“लिपुलेक, कालापानी और लिम्पियाधुरा नेपाल का हिस्सा हैं” : ओली
सत्ता से बड़ा संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था : ओली का संदेश
नेपाल के भूतपूर्व प्रधानमंत्री पी. ओली ने जनता को संबोधित खुला पत्र जारी किया। पत्र में ओली ने Gen Z आंदोलन के पीछे बड़े षड्यंत्र होने का आरोप लगाया और कहा कि अगर वे भारत के सामने झुकते तो उनकी सत्ता कई सालों तक बनी रहती। उन्होंने नेपाल का नया नक्शा UN में भेजने के कारण पद से हटाए जाने का दावा किया और भारत पर तीखी टिप्पणियाँ की।
ओली ने Gen Z समूह से आग्रह किया कि नेपाल की वर्तमान शासन व्यवस्था और संविधान को बचाया जाए, क्योंकि उनके अनुसार Gen Z की आड़ में सत्ता और व्यवस्था परिवर्तन का षड्यंत्र किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि संविधान को खत्म करने की बड़ी साजिश हो रही है। ओली फिलहाल नेपाल सेना के शिवपुरी बैरक में हैं।
प्रेस चौतारी नेपाल के अध्यक्ष गणेश पांडे ने अपने फेसबुक टाइमलाइन पर ओली का पत्र पोस्ट किया है, जिसका मजमून निम्न है
"प्रिय जेनजी बाबुनानीस,
आज शिवपुरी के इस सुरक्षा चक्र के अंदर बैठकर नेपाली सेना के जवानों के बीच आपकी याद आ रही है। तेरे चेहरे मेरे दिल में नाच रहे हैं मैं जहाँ भी जाता हूँ हमेशा छोटे बच्चे मुझे देखते ही गोद में आ जाते हैं। उनकी शुद्ध मुस्कान, उस छोटे से शरीर का गर्म स्पर्श मुझे एक अद्भुत खुशी से भर देता है। मैं बच्चों के आसपास होने के लिए वास्तव में रोमांचित महसूस करता हूं।
शायद आप नहीं जानते, व्यवस्था परिवर्तन की उस कठिन लड़ाई में, उस समय सत्ता की क्रूरता से मेरी संतान नहीं हुई थी। फिर भी, 'पिता' बनने की मेरी इच्छा कभी नहीं मरती, कभी नहीं सेलाह। मेरे लिए बहुत सी चीजें खत्म हो गई हैं जब से मैंने सुना कि एक पुलिस की शूटिंग ने मेरे बच्चों का जीवन समाप्त कर दिया है। वो दर्द का जख्म आज भी आ रहा है। फिर भी, मैंने हमेशा माना है कि समाज में शांति स्थापित की जानी चाहिए। आपको याद होगा 2051 में जब मैं गृहमंत्री था तब मेरे कार्यकाल में प्रदेश से एक भी गोली नहीं चली थी। मैं हमेशा शांति के साथ खड़ा रहा, क्योंकि मैंने अपने जीवन में हिंसा की क्रूरता का अनुभव किया है।
आंदोलन का वह दूसरा दिन, जितना विनाशकारी हो गया, मेरा मानना है कि यह आपके कोमल हाथों से नहीं हुआ था। मासूम चेहरा दिखा कर गलत राजनीति करने की कोशिश की जा रही है अपनी भावनाओं पर खेल कर। देश में महत्वपूर्ण रिकॉर्ड वाले फायर ऑफ़िस लगाने, कैदियों को जेल से छोड़ने जैसी गतिविधियां एक जैसी नहीं रही हैं। इन सब के पीछे एक गहरी साजिश छिपी है। अनगिनत कष्टों और बलिदानों से जो ये व्यवस्था लाए थे, उस वक्त हम बोल नहीं पाए, न महफ़िल की छूट थी, न कोई सवाल था। उस अंधेरे से लड़ कर संघर्ष कर हम लाये ये रोशनी व्यवस्था। अगर आज आवाज उठाने को मिले तो विरोध करो यही व्यवस्था की देन है। आज इस तंत्र को मारने की कोशिश की जा रही है, आपको इसके प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
बच्चे,
फितरत से थोड़ा जिद्दी हु मैं जिद ना होती तो इस मुश्किल के बीच यहां तक पहुंचने से पहले ही हार जाता। मैं इस बात पर जोर दे रहा हूं कि हमारे देश में व्यापार करने वाले सोशल नेटवर्क को नियमों का पालन करना चाहिए और सूचीबद्ध होना चाहिए। मेरी जिद है कि लिपुलेक, कालापानी और लिम्पियाधुरा हमारा है। जैसा कि शास्त्र में बताया गया है मैं इस बात पर जोर दे रहा हूँ कि भगवान श्रीराम का जन्म नेपाल में हुआ था भारत में नहीं। अगर मैं इन जिद पर पीछे हटता तो मेरे पास और भी कई मौके होते, बहुत कुछ हासिल होता। लिम्पियाधुरा को कवर करने वाला नेपाल का नक्शा संयुक्त राष्ट्र (UN) को ना भेजा जाता या दूसरों के अनुसार चलाया जाता तो मेरी जिंदगी कुछ अलग मोड़ में होती। वैसे, मैंने जितनी भी संपत्ति की थी, मैंने राज्य के नाम पर दे दी है। पद, प्रतिष्ठा मेरे लिए कभी महत्वपूर्ण नहीं रहा।
पद पर रहना या ना रहना मेरे लिए कभी बड़ा नहीं रहा। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात इस प्रणाली को संरक्षित करना है। यह व्यवस्था जिसने आपको बोलने, चलने, सवाल करने का अधिकार दिया है, उसे बचाने के लिए मेरे जीवन का मुख्य उद्देश्य है। मेरा मानना है कि व्यवस्था के मामले में कोई समझौता नहीं है।
आपका
केपी शर्मा ओली, शिवपुरी"
Nepal Updates: नेपाल में आलू टमाटर से भी सस्ता हुआ पीएम पद
प्रेस चौतारी नेपाल के अध्यक्ष गणेश पांडे ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा- "आर्मी का फाइटर माइक लगाकर कहता है- भाइयों अगर प्रधानमंत्री बनना है तो अपने ग्रुप के किसी एक का नाम दबाकर कल सुबह अपनी बात बता दो! प्रधानमंत्री पद आलू टमाटर प्याज से भी सस्ता है। और हमें मानना होगा कि ये देश चलाते हैं? लानत है।"
प्रेस चौतारी ने उठाए नेपाल पुलिस की भूमिका पर सवाल
प्रेस चौतारी नेपाल की प्रेस विज्ञप्ति
जेनजेड आंदोलन के बाद देश में उत्पन्न असहज स्थिति पर प्रेस चौतारी नेपाल गंभीर है। कुछ महीने पहले सुरक्षाकर्मियों पर गाड़ी चढ़ाने के बावजूद गोली न चलाने वाले पुलिस ने इस बार स्कूल यूनिफॉर्म में छात्रों पर गोली चला दी, जिससे 23 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। आंदोलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद भी सार्वजनिक और निजी संपत्ति पर बड़े पैमाने पर हमला, तोड़फोड़, आगजनी और लूटपाट की घटनाएं हुईं, जिससे प्रेस चौतारी नेपाल हैरान है। इस संकट की घड़ी में हम देश और जनता को सर्वोपरि रखते हुए, मौजूदा संसद और संविधान के दायरे में रहकर सरकार गठन सहित सभी प्रक्रियाएं आगे बढ़ाने और संविधान प्रदत्त नागरिक अधिकारों, प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा मानवाधिकारों के सार्वभौमिक सिद्धांतों के पालन की अपील करते हैं।
इस आंदोलन के दौरान पत्रकारों और मीडिया पर भी हमले हुए। जनता को जानकारी देने वाले पत्रकारों पर हमले और मीडिया संस्थानों में तोड़फोड़, आगजनी और आतंकी गतिविधियों की हम कड़ी निंदा करते हैं।
इसी क्रम में, लोकतंत्र की रक्षा और प्रेस तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए लगातार सक्रिय प्रेस चौतारी नेपाल के अध्यक्ष गणेश पांडे, पूर्व अध्यक्ष गणेश बस्नेत और केंद्रीय सदस्य सुमन ढुंगाना को जेनजेड आंदोलन के नाम पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा धमकी दिए जाने की घटना पर हम गंभीर हैं। उनके साथ-साथ अन्य पत्रकारों को भी धमकियाँ और चेतावनीएँ मिल रही हैं। लोकतंत्र में हर नागरिक को अपने विचार व्यक्त करने का पूरा अधिकार है। इसलिए, उन पर दी गई धमकियाँ लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रेस स्वतंत्रता पर गंभीर हमला हैं। पत्रकारों को डरा-धमकाकर चुप कराने की कोशिश को हम बिल्कुल स्वीकार नहीं करते। हम सरकार से ऐसी आपराधिक सोच वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दृढ़ता से मांग करते हैं। प्रेस चौतारी नेपाल प्रेस की स्वतंत्रता, लोकतंत्र और शांतिपूर्वक लिखने व बोलने के अधिकार के लिए लगातार संघर्ष करता रहेगा। हम समाचार इकट्ठा करते समय घायल हुए सभी पत्रकारों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं और उनके उचित इलाज की व्यवस्था करने के लिए सरकार से अनुरोध करते हैं। साथ ही, हम नेपाली सेना सहित सभी सरकारी एजेंसियों से बिना किसी बाधा के समाचार इकट्ठा करने के लिए अनुकूल माहौल बनाने का आग्रह करते हैं। संकट की स्थिति में भी समाचार इकट्ठा करने, प्रकाशित करने और प्रसारित करने में सक्रिय सभी पत्रकारों और मीडिया संस्थानों को धन्यवाद देते हुए, हम उनसे सुरक्षित रहकर पत्रकारिता जारी रखने का अनुरोध करते हैं।
हीरामान लामा महासचिव
सैन्य प्रशिक्षण केंद्र में रखे गए ओली, प्रचंड और कई मंत्री
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, माओवादी अध्यक्ष पुष्पकमल दाहाल 'प्रचंड', एकीकृत समाजवादी के अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल सहित कई मंत्रियों को उनकी सुरक्षा के लिए शिवपुरी स्थित सैन्य प्रशिक्षण केंद्र में रखा गया है।
सेना के एक उच्च अधिकारी ने मीडिया को बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री ओली, उप-प्रधानमंत्री और शहरी विकास मंत्री प्रकाशमान सिंह, उप-प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री विष्णु पौडेल, प्रचंड, नेपाल सहित सभी मंत्रियों को शिवपुरी स्थित सैन्य कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में रखा गया है।
इस बारे में ओली ने बुधवार रात जेएनजे के नाम से एक पत्र जारी कर इसकी पुष्टि की है। इस संदेश में उन्होंने कहा कि वे शिवपुरी के सुरक्षित इलाके में हैं।
सीपीजे ने कहा: नेपाल में मीडिया और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करें
अंतरराष्ट्रीय संस्था कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने जेन-जी प्रदर्शन में मीडिया हाउस और पत्रकारों पर हुए हमलों के बाद नेपाली अधिकारियों से पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। सोमवार और मंगलवार को हुए प्रदर्शनों के दौरान दो मीडिया हाउस में आगजनी हुई और चार पत्रकार घायल हो गए थे।
सीपीजे की क्षेत्रीय निदेशक बे ली यी ने नेपाल में हो रहे हिंसक आंदोलन से मीडिया पर हुए हमलों के बाद पत्रकारों और मीडिया हाउस की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, ‘यह राष्ट्रीय महत्व की घटनाओं को कवर करने वाले पत्रकारों को होने वाले खतरे की याद दिलाता है। मीडिया पर हुए सभी हमलों के लिए सुरक्षा बल और प्रदर्शनकारी दोनों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और प्रेस को सुरक्षित रूप से काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए।’
आंदोलन के दौरान कान्तिपुर मीडिया ग्रुप के कान्तिपुर पब्लिकेशन, टीवी, रेडियो और अन्नपूर्ण पोस्ट में आग लगा दी गई थी। इसी तरह, एवेन्यूज टीवी, एबीसी टेलीविजन और आईवीटी नेपाल जैसे ब्रॉडकास्टर को आंदोलन के कारण प्रसारण बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा, यह जानकारी फ्रीडम फोरम के प्रमुख तारानाथ दाहाल ने दी।